महिला दारोगा Madhavi Agnihotri को देखने आया और मंडप के बदले पहुंचा जेल

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महिला दारोगा Madhavi Agnihotri ने gangster को पकड़ने के लिए जो तरीका अपनाया वह अपने आप में बेहद अनोखा था

बालकिशन चौबे को शादी करनी थी उसने अपने परिचित और रिश्तेदारों से उसके लिए दुल्हन ढूँढने के लिए कहा और इसके बाद उसके पास शादी का एक प्रस्ताव आया लड़की थी २८ साल की राधा. बालकिशन और राधा ने तीन दिन तक फोन पर बात की और इसके बाद राधा ने बालकिशन से कहा कि वो उसके गाँव आकर परिवार वालों से शादी की बात कर ले.

बालकिशन राधा के गाँव पहुंचा ही था कि पुलिस ने उसे दबोच कर सलाखों के पीछे डाल दिया.

ये कहानी है मध्यप्रदेश के छतरपुर की जहाँ एक इनामी बदमाश बालकिशन और उसके साथियों ने 3 साल से पुलिस की नाक में दम कर रखा था बालकिशन के खिलाफ हत्या के साथ साथ लूट के करीब 15 मामले दर्ज थे. नौगांव थाना क्षेत्र में ग्रामीणों को लूटने वाला बालकिशन मध्य प्रदेश में वारदातों को अंजाम देकर उत्तर प्रदेश में छिप जाता था. उसके दो साथी तो पुलिस की गिरफ्त में आ चुके थे लेकिन बालकिशन उनकी पहुंच से बाहर था.

वो लगातार मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की सीमा के निकट बना रहता था। ऐसा वह इसलिए करता था ताकि पुलिस को उसके पास तक पहुंचने में मुश्किल आए। बालकिशन जानता था कि एक राज्य की पुलिस औपचारिक कार्यवाही पूर्ण किए बिना दूसरे राज्य में आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर सकती फिर चाहे पुलिस के पास पुख्ता सूचना ही क्यों ना हो. ज्यादातर शातिर अपराधी पुलिस की व्यवस्था में मौजूद इस खामी का फायदा उठाते हैं. बालकिशन चौबे भी ऐसा ही कर रहा था. उत्तर प्रदेश के महोबा जिले के ग्राम खमा का रहने वाला बालकिशन चौबे मध्यप्रदेश में आकर अपराध करता था  और फिर उत्तर प्रदेश में जाकर छुप जाता था.

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बालकिशन कई महीनों से छिपा हुआ था

पुलिस ने कई बार छापे मारी की लेकिन इसके बावजूद भी बालकिशन पुलिस के हाथ नहीं लगा. छतरपुर एसपी ने उसे पकड़ने के लिए 10,000 रुपये के इनाम की घोषणा कर दी.

उसे पकड़ने के लिए नौगांव एसडीओपी श्रीनाथ सिंह बघेल ने 7 लोगों की एक टीम गठित की और गैरोली चौकी प्रभारी माधवी अग्निहोत्री को टीम के नेतृत्व की जिम्मेदारी सौंप दी.

माधवी अग्निहोत्री (Madhavi Agnihotri) ने जब बालकिशन की कुंडली खंगाली तो उन्हें पता चला कि  बालकिशन हमेशा अपने पास पिस्तौल रखता है और बिना सोचे समझे गोली चलाने के लिए कुख्यात है.

साथ ही उन्हें पता चला कि बालकिशन शादी करना चाहता है. और उसने अपने कुछ रिश्तेदारों को उसके लिए दुल्हन ढूंढने को कहा था. बस इस बात की भनक लगते ही पुलिस ने तुरंत जाल बिछाना शुरू कर दिया.

इसके बाद पुलिस ने बालकिशन को थाना क्षेत्र में बुलाने के लिए जो तरीका अपनाया वह अपने आप में बेहद अनोखा था   

और इस अनूठे प्लान की अहम कड़ी थी सब इंस्पेक्टर Madhavi Agnihotri.

बालकिशन का फेसबुक पर भी अकाउंट था जिसे वो लगातार अपडेट कर रहा था    

Madhavi Agnihotri ने चौबे को फेसबुक अकाउंट के जरिए ट्रैक करना शुरू किया. उन्होंने फेसबुक पर ही बालकिशन से दोस्ती की और उसका मोबाइल नंबर ले लिया इसके बाद उन्होंने  बुन्देलखंडी भाषा में फोन पर चौबे से बात करना शुरू कर दिया. माधवी ने राधा लोधी बनकर उससे बात की. उन्होंने चौबे को बताया कि वह छतरपुर से ही है और दिल्ली में मजदूरी करती है जल्दी ही अपने गाँव बापस आने वाली है. तीन दिन बात करने के बाद बालकिशन ने ‘राधा’ के सामने शादी का प्रस्ताव रख दिया.

माधवी ने पहले उससे एक बार मिलने के लिए कहा बालकिशन झांसे में आ गया और वह माधवी को देखने के लिए उसके घर आने तैयार हो गया.

२८ नवम्बर २०१९ को उत्तरप्रदेश और मध्य प्रदेश की सीमा पर एक गांव में दोनों का मिलना तय हुआ. पुलिस ने गाँव में एक मकान को माधुरी का घर बनाया और चारों तरफ मोर्चा बांध लिया. कुछ पुलिस वाले रिश्तेदार के रूप में माधवी के साथ भी थे माधवी ने गुलाबी सलवार कुर्ता पहना और अपने पर्स में एक पिस्तौल भी रख ली.  

तय समय पर बालकिशन पल्सर मोटरसाइकिल पर सवार होकर राधा से मिलने आया और जैसे ही वो गुलाबी सलवार-कुर्ता पहने राधा यानी कि सब इंस्पेक्टर Madhavi Agnihotri की तरफ बढ़ा तो उन्होंने एक इशारा किया और इससे पहले कि चौबे अपनी पिस्तौल निकाल पाता वहां पहले से ही इंतजार कर रही पुलिस की टीम ने फौरन उसे धर दबोचा. इसके बाद जब उसे पता चला कि जिसे वो राधा समझ रहा था वो असल में पुलिस सब इंस्पेक्टर Madhavi Agnihotri हैं तो उसके होश उड़ गए.

पुलिस ने उसके पास से एक देसी अवैध पिस्तौल और तीन कारतूस बरामद किये.

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