Crime Patrol Inside Story | E 475 | 33 लोगों को मोक्ष देने वाला सीरियल किलर आदेश खांबरा

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सीरियल किलर आदेश खांबरा दिन के वक्त अपनी सिलाई मशीन पर कपड़े सिलता था और रात होते ही हैवान बन जाता था.

ये बात साल 2010 के आसपास की है, जब महाराष्ट्र के अमरावती और फिर नासिक में लाशों के मिलने का सिलसिला शुरू हुआ जो साल 2018 तक चला. महाराष्ट्र के बाद मध्य प्रदेश, बिहार और उत्तर प्रदेश में भी कई शव बरामद हुए.

इन सभी हत्याओं को एक चीज जोड़ रही थी और वो ये थी कि वारदात का शिकार हुए सभी लोग या तो ट्रक ड्राईवर थे या फिर उनके सहयोगी. लेकिन किसी ने भी ऐसा नहीं सोचा होगा कि 8 सालों तक चली इन बर्बर घटनाओं के पीछे मध्यप्रदेश के एक मिलनसार दर्जी का हाथ हो सकता है.

आदेश खांबरा भोपाल शहर से करीब 25 किलोमीटर दूर बने इंडस्ट्रियल एरिया मंडीदीप में एक दर्ज़ी के तौर पर छोटी सी दुकान चलाया करता था. इस एरिया में कई राज्यों  के लोग ट्रांसपोर्ट के चक्कर में आया जाया करते थे, इसलिए आदेश के ग्राहक अलग अलग राज्यों के होते थे.

आदेश खांबरा दिन के वक्त अपनी सिलाई मशीन पर कपड़े सिलता था और रात होते ही हैवान बन जाता था. वो बातचीत में इतना माहिर था कि किसी को भी अपने झांसे में ले सकता था.

कपडे सिलकर उसे इतने पैसे नहीं मिलते थे कि परिवार का खर्च अच्छे से चल सके इसलिए वो परेशान था.  

आदेश कभी-कभी हाईवे किनारे शराब पीने जाया करता था. वहां कई ट्रक ड्राइवर आते जाते रुका करते थे. एक रोज़ जब आदेश इसी तरह शराब पी रहा था तभी उसे एक आदमी मिला, उसने आदेश को जल्दी पैसा कमाने का रास्ता बताया जो उसे बहुत पसंद आया.

अब आदेश भोपाल के जयकरण और नागपुर के तुकाराम के साथ मिलकर जल्दी पैसा कमाने के उस रस्ते पर चल पड़ा.

आदेश खांबरा कैसे बना सीरियल किलर

खांबरा ने अपनी गर्मजोशी और मिलनसार प्रवृत्ति का इस्तेमाल ट्रक ड्राइवरों को अपना शिकार बनाने के लिए किया. शराब का झांसा देकर वह ट्रक ड्राइवरों को फंसाता था. साल 2010 के आसपास की बात है, जब आदेश ने पहली बार एक ट्रक के ड्राइवर और क्लीनर को अपने साथ शराब पिलाई.

थोड़ा नशा होने के बाद आदेश ने उनकी शराब में एक दवा मिला दी. ड्राईवर और क्लीनर उस दवा मिली हुई शराब को पीते रहे, थोड़ी देर बाद शराब ख़त्म हो गयी और साथ ही साथ ड्राईवर और क्लीनर की जिन्दगी भी.

इसके बाद आदेश के साथी और तुकाराम ने ट्रक का सारा माल बेच कर लाशों को ठिकाने लगा दिया.

फिर ये सिलसिला रुका नहीं उसका वारदात को अंजाम देने का तरीका भी रूह कंपा देने वाला था. आदेश खुद एक लंबी रस्सी से ड्राइवरों का गला घोंट देता था. कभी-कभी शिकार को मौत  की नींद सुलाने के लिए वह जहर का इस्तेमाल भी करता था.

आदेश कत्ल करता था और जयकरण व तुकाराम ट्रक के सामान की बिक्री का काम किया करते थे, ट्रकों से लूटा हुआ माल बेचकर उसे खूब पैसा मिलता था, इसलिए वह लगातार बेकसूरों का कत्ल करता चला गया.

पहचान छिपाने के लिए हत्या के बाद ये लोग ट्रक ड्राइवरों के सारे कपड़े उतार देते थे. इसके बाद लाश को अलग-अलग राज्यों में फेंक दिया जाता था. मृतकों के शव मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, यूपी, बिहार और झारखंड जैसे राज्यों तक पहुंच जाते थे और पुलिस वारदात की गुत्थियां सुलझाने में उलझी रहती थी. 

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ये सिलसिला साल 2018 तक चला, इन 8 सालों में आदेश तकरीबन 33 ड्राइवरों व क्लीनरों को मार चुका था. आदेश एक तरह से राक्षस बन चुका था.

ट्रकों के माल को बेचने के सिलसिले में कबाड़ा व्यापारियों और राजनीति के कुछ रसूखदारों से भी उसके सम्बन्ध बन रहे थे. अगस्त 2018 में आदेश ने फिर एक प्लान बनाया. उसे खबर मिली कि 12 अगस्त को 50 टन लोहे की रॉड्स से भरा एक ट्रक मंडीदीप से भोपाल जाएगा और ड्राइवर माखन सिंह होगा. आदेश ने जयकरण व तुकाराम को खबर की और अपने प्लान के बारे में बताया.

आदेश ने इस ट्रक को किसी बहाने से रुकवा लिया और ड्राईवर को शराब पिलाने के बहाने अपने अड्डे पर ले गया. थोड़ी ही देर में उसने ड्राईवर माखन को मौटी के घाट उतार दिया. 

इसके बाद वो अपने साथी जयकरण के साथ लाश को उसी ट्रक में डालकर बिलखिरिया ले गया और एक सुनसान जगह पर लाश फेंक दी. जयकरण ने ट्रक का सामान बेच दिया और खाली ट्रक अयोध्या नगर इलाके में छोड़ दिया.

अब जिस कंपनी के पास माल पहुंचना था, जब वहां माल नहीं पहुंचा तो ट्रक लोड करवाने वाली कंपनी ने ट्रक और ड्राइवर के गायब होने की सूचना पुलिस को दी.

तफ्तीश शुरू हुई तो बिलखिरिया के पास से माखन की लाश मिली और 15 अगस्त 2018 को ट्रक भी अयोध्या नगर से बरामद हो गया. पुलिस ने अपने मुखबिरों की मदद से कुछ लोगों को गिरफ्तार किया, जिन्होंने उस ट्रक का माल खरीदा था. इनमें से एक ने बताया कि जयकरण ने माल बेचा था.

इसके बाद जब जयकरण पुलिस के हत्थे चड़ा तो उसने आदेश का नाम बताया, अब आदेश की तलाश शुरू हुई लेकिन वो फरार हो चुका था. पता चला वह अपनी किसी गर्लफ्रेंड के पास चला गया है.

पुलिस उसकी तलाश में जुटी रही और आखिरकार 8 सितम्बर 2018 को उसे गिरफ्तार कर लिया गया. अभी तक पुलिस को ये पता नहीं था कि आदेश एक सीरियल किलर है.

साल 2014 में उसे नागपुर में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन वो जमानत पर छूट गया था. तब तक उसने 8 हत्याएं की थी बाकी के 25 लोगों की जान उसने 2014 से 2018 के बीच सिर्फ चार सालों में ले ली थी.

इन हत्याओं के सिलसिले में जब जयकरन से यह पूछा गया कि वे ट्रक ड्राइवरों की ही हत्या क्यों करते थे, तो उसने हंसते हुए कहा कि वह उन्हें मोक्ष दे रहा था. उसने बिना किसी शिकन के साथ हंसते हुए कहा, ये लोग बहुत कष्ट में थे. मैं उन्हें इस कष्ट से छुटकारा दिलाकर मुक्ति के रास्ते पर भेज रहा था.

आदेश के दोस्तों और रिश्तेदारों को इस बात का यकीन करना मुश्किल हो गया कि वे एक हैवान के साथ रह रहे थे. एक पड़ोसी का कहना था कि, वह एक शांत प्रवृत्ति का सभ्य शख्स था, कोई भी यह नहीं मानेगा कि उसके हाथ इतने सारे लोगों के खून से रंगे हुए हैं.

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