“सिर्फ मेरा नाम Google करो” सीरियल किलर ने एस पी से कहा

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 “मुझसे सवाल पूंछ कर अपना टाइम खराब मत करो साहब I गूगल पर मेरा नाम टाइप करो तुम्हारे सारे सवालों के जवाब मिल जाएंगे !”

ये कहना था अविनाश श्रीवास्तव उर्फ़ अमित का जब वैशाली के एस पी राकेश कुमार उससे पूंछताछ कर रहे थे I

जुलाई २०१६ में अविनाश को वैशाली में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया का मेन शटर काटते हुए पकड़ा गया था । महुआ पुलिस ने उसे मामूली चोर समझा था लेकिन उनको क्या मालूम था कि जिस व्यक्ति को बैंक में चोरी की घटना को अंजाम देने के दौरान उन्होंने गिरफ्तार किया था, वह कोई मामूली चोर या अपराधी नहीं, बल्कि वह तो पटना का कुख्यात ‘साइको किलर’ अविनाश श्रीवास्तव उर्फ अमित था 

पुलिस ने इंटरनेट में इसके नाम से जानकारी निकालनी शुरू की तो वो खुद हैरान रह गए. कई अखबारों में उसकी वारदातों की घटनाएं दर्ज थीं. वो हमेशा नीले कपड़े और नीले जूते पहलकर ही वारदात को अंजाम देता था. 2011 से लेकर अब तक ये कई बार पुलिस के हत्थे आ चुका था, लेकिन हर बार किसी ना किसी वजह से जमानत पर रिहा हो जाता था.

लेकिन वो पहले ऐसा डकैत और कातिल नहीं था !

अविनाश की पूरी कहानी किसी क्राइम थ्रिलर से कम नहीं है उसने सीबीएसई बोर्ड की पढाई पूरी की और दिल्ली आकर जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय से एमसीए की डिग्री हासिल कर ली इसके बाद वो बेंगलुरु में इंफोसिस कंपनी में नौकरी करने लगा ! उसकी तनख्वाह थी ४०००० रूपए !

अविनाश के पिता लल्लन श्रीवास्तव आरजेडी के पूर्व विधान पार्षद थे साल २००२ में लल्लन श्रीवास्तव की हत्या कर दी गयी !

हत्या का आरोप लगा उस वक्त के कुख्‍यात मोइन खां उर्फ पप्पू खां गैंग पर ! इस काण्ड में कुल 6 लोग नामजद थे !

इसी बीच अविनाश ने नौकरी छोड़कर बिज़नेस करने का मन बनाया वो बिहार में बिज़नेस पार्टनर्स की तलाश में कई लोगों से मिला !

एक दिन जब वो ऐसी ही एक मीटिंग के लिए गया हुआ था तो उसे ऐसी बात मालूम चली जिससे उसका दिमाग खिसक गया !

अविनाश के मामा ने बताया की जिन लोगों से तुम बिज़नेस मीटिंग कर रहे हो वो असल में तुम्हारे पिता के कातिल हैं !

पिता की मौत के बाद बदले की भावना से भरे अविनाश ने जब देखा की उसके पिता का कातिल उसकी आँखों के सामने है तो उसने बिज़नेस की बात भूलकर पिता की मौत का बदला लेने की ठान ली !

उसने एक देशी तमंचे का जुगाड़ किया और साल 2003 में मुख्य आरोपी मोइन खां के सीने में एक के बाद एक 32 गोलियां उतार दी. एक फायर के बाद जब तमंचा गर्म हो जाता तो उसे पानी डालकर ठंडा करता और फिर से मोईन खान पर दाग देता  मोईन खान उर्फ़ पप्पू की मौत के बाद भी वह उस पर गोलियां दागता रहा. इसके घटना बाद ही उसे साइको किलर का नाम दिया गया !

उसका कहना है की गैंग्स ऑफ वासेपुर पार्ट २  फिल्म का क्लाइमेक्स सीन जिसमें फैजल खान रामाधीर सिंह को 32 गोली मारता है. वो सीन उसके द्वारा की गयी वारदात की ही नक़ल है 

उसके बाद उसने पिता के क़त्ल के ६ में से चार आरोपियों को एक के बाद एक मौत की नींद सुला दिया

अविनाश ने पिता की हत्या के आरोपियों का केस लड़ रहे वकील को भी गोलियों से भून डाला और अब तक 20 से ज्यादा हत्या करने का दावा करता है इसके अलावा  कई सारी लूट डकैती की वारदातें भी उसके नाम पर हैं .

अविनाश ने पटना में हत्या के कई ऐसे मामलों  को अंजाम देने का खुलासा किया जो बिहार पुलिस के लिए चुनौती बने हुए थे. पटना के गया घाट में एक ज्वैलर्स के यहाँ  2 किलो सोने की लूट में इसी का हाथ था. इसके अलावा पटना में ही एक दूसरी लूट के दौरान एक ज्वैलर की गोली मारकर हत्या कर दी थी.

अविनाश का पसंदीदा रंग नीला है वो इसलिए क्यूँ की जब उसने पहला अपराध किया था तो वो नीले रंग की शर्ट पहने हुए था ! और उस समय पकड़ा नहीं गया था तब से वो हर वारदात के वक़्त नीले रंग के कपडे ही पहनता है ये और बात है कि जब वो पकड़ा गया तब भी उसने अपना लकी रंग ही पहना हुआ था

वो ब्रांडेड कपडे पहनता है वो भी एक विशेष ब्रांड के  

उसका कहना है नाम से लॉजिक बनता है ब्रांड का !  मै किलर हूँ इसलिए किलर पहनता हूँ

अविनाश एक राईटर भी है और जहानाबाद जेल ब्रेक पर एक किताब भी लिख चूका है

लेकिन दिसंबर २०१७ में उसका एक नया रूप सामने आया पता चला की अविनाश सुपारी लेकर भी हत्‍याएं करता है और इसके लिए उसकी मां डील फाइनल करती थी. वैशाली के बिदुपुर इलाके में एक रिटायर शिक्षक सहदेव राय की गोली मारकर हत्या हुई थी ये एक बहुत चर्चित हत्याकांड था इस मामले में पुलिस ने अविनाश के साथ उसकी मां कंचन देवी को भी गिरफ्तार किया था

कुछ साल जेल में बिताने के बाद वो जमानत पर जेल से बाहर था तब उसने सुपारी लेकर शिक्षक की हत्या की !

कुल मिलाकर बाप के कत्ल का बदला और ढेर सारा पैसा बनाना ही अब उसका मकसद बनकर रह गया है. अविनाश के पिता लल्लन श्रीवास्तव  की हत्या के दो आरोपी अभी जेल में बंद है. उनको अंजाम तक पहुंचाना ही अविनाश का आखिरी लक्ष्य है.

उसने कहा कि वो जब तक जिन्दा है लोगों को मारता रहेगा !

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