Mumbai के ‘मटका किंग’ सुरेश भगत की कहानी | Crime Patrol Inside Story | Ep 391 | 13th April

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Mumbai के ‘मटका किंग’ Suresh Bhagat की कहानी | Crime Patrol Inside Story | Ep 391 | 13th April

वो जानता था कि उसे मार दिया जाएगा, उसने क़त्ल से पहले ही अपने कातिलों के नाम भी बता दिए थे और वो अपनी सुरक्षा का भी पुख्ता इंतजाम कर चुका था ! लेकिन वो ये नहीं जानता था कि उसकी जान लेने का इरादा रखने वाले लोग  उसे मारने के लिए ऐसा तरीका इस्तेमाल करेंगे जिसकी उसने कभी कल्पना भी नहीं की थी !

मटका किंग सुरेश भगत को मारने के लिए ४५ लाख रूपए की सुपारी दी गयी थी

सुरेश भगत को मटका किंग कहा जाता था क्यों कि वो मुंबई में ३ हजार करोड़ रूपए के मटका यानी सट्टे के साम्राज्य पर २० साल से राज कर रहा था ! इसी मटके के धंधे पर कब्जा करने के लिए कुछ लोग उसकी जान के दुश्मन बन गए थे ! उसे रास्ते से हटाने का प्लान तैयार हो चुका था !

सुरेश भगत उनसे बचने के पूरे इंतजाम कर चुका था, लेकिन उसके दुश्मनों ने उसे मारने के लिए ऐसे हथियार का इस्तेमाल किया जिसके बारे में उसने कभी नहीं सोचा था !

१३ जून २००८ का दिन था सुरेश भगत उस दिन किसी काम के सिलसिले में अलीबाग गया था काम निपटाकर वो सीधे मुंबई लौटना चाहता था उसकी सुरक्षा में चूक होने की कहीं कोई सम्भावना नहीं थी सुरेश भगत छह साथियों के साथ अपनी स्कार्पियो गाडी में बैठकर मुंबई जाने के लिए निकला !

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इस बात से बिलकुल बेखबर कि ये यात्रा उसके जीवन की आख़िरी यात्रा होने वाली थी रास्ते में मौत उसका बेसब्री से इन्तजार कर रही थी, ये लोग अभी आधा रास्ता ही तय कर पाए थे कि सामने से आ रहे एक ट्रक ने उनकी गाडी को इतनी जोर की टक्कर मारी कि मटका किंग और उसके छह साथियों की मौके पर ही मौत हो गयी !

उसके दुश्मनों ने सोचा था कि वे सुरेश भगत की हत्या को एक दुर्घटना की शक्ल देंगे और मटके के पूरे साम्राज्य पर उनका कब्जा हो जायेगा !

लेकिन सुरेश भगत इस खतरे को पहले ही भांप चुका था उसे अंदेशा था कि उसकी पत्नी जया और बेटा हितेश उसकी जान ले सकते हैं  सुरेश ये भी जानता था कि जया की दोस्ती गवली गैंग के बदमाश सुहास रोगे के साथ है और वो सुहास की  मदद से कभी भी उसकी ह्त्या करवा सकती है !

यही वजह थी कि उसने अपने ज़िंदा रहते ही मुंबई क्राइम ब्रांच में पत्नी जया सुहास रोगे और बेटे हितेश के खिलाफ शिकायत दर्ज करवा दी थी !

इन सब के बाद जब सुरेश भगत के साथ ये हादशा हुआ तो पुलिस को ये समझने में ज्यादा देर नहीं लगी कि ये दुर्घटना नहीं बल्कि हत्या है पुलिस ने ट्रक ड्राईवर को गिरफ्तार किया जिसे तीन लाख रूपए की सुपारी दी गयी थी और जिसने सुपारी दी थी उसका नाम था हरीश मांडवीकर जिसे ४५ लाख में ये कॉन्ट्रैक्ट दिया था गवली गैंग के बदमाश सुहास रोगे ने !

सुहास रोगे के साथ जया की दोस्ती थी सुरेश भगत के मटके के धंधे पर कब्जे के लिए मां बेटे ने मिलकर उसे रास्ते से हटाने का प्लान तैयार किया था और १३ जून २००८ को अलीबाग और मुंबई के रास्ते में सुरेश को ट्रक से कुचलवा दिया था ! पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया अदालत ने उन्हें सजा भी सुना दी !

मटका किंग सुरेश भगत की मौत का बदला लेने के लिए दी गयी ६० लाख की सुपारी 

सुरेश भगत की ह्त्या के बाद १२ साल से ज्यादा का समय बीत चुका था उम्रकैद की सजा काट रही जया भगत को कुछ समय पहले ही जमानत मिली थी और वो घाटकोपर में अपनी बहन के यहाँ रह रही थी मटका किंग और जया के बेटे हितेश भगत की साल २०१४ में  बीमारी के कारण मौत हो चुकी थी !

१८ दिसंबर २०२० को मुंबई क्राइम ब्रांच ने उत्तर प्रदेश के बिजनोर के रहने वाले एक बदमाश अनवर दर्जी को दो देशी पिस्तौल और छह ज़िंदा कारतूस के साथ पकड़ा !

पुलिस उस वक़्त हैरान रह गयी जब इस बदमाश के कब्जे से दो औरतों की तस्वीरें मिली जिनमे से एक तस्वीर थी जया भगत की और दूसरी तस्वीर थी उसकी बहन आशा की !

पूंछ ताछ में अनवर दर्जी ने बताया कि जया भगत और उसकी बहन को मारने के लिए उसे सुपारी दी गयी थी ! और जिसने उसे ये काम सौंपा था उसका नाम है जावेद अंसारी !

पुलिस जब कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए जांच की दिशा में आगे बड़ी तो वो एक बार फिर से मटका किंग के परिवार तक पहुँच गयी और इस आख़िरी कड़ी का नाम है विनोद भगत !

मटका किंग सुरेश भगत का भाई और जया भगत का देवर विनोद भगत !

विनोद को अपने भाई की मौत का बदला लेना था उसने अपनी भाभी जया भगत और उसकी बहन आशा को मारने का ये कॉन्ट्रैक्ट ६० लाख रूपए में बशीर बेगानी उर्फ़ मामू को दिया था जो इंग्लैंड के मैनचेस्टर में रहता है मामू ने ये सुपारी १४ लाख रूपए में रामवीर शर्मा उर्फ़ पंडित को दे दी और पंडित ने बिजनौर के जावेद अंसारी को इस काम पर लगा दिया !

पैसे मिलने के बाद बिजनौर के शूटर्स ने फरवरी २०२० से ही घाटकोपर में जया और उसकी बहन के घर के बाहर रेकी करनी शुरू कर दी थी लेकिन मार्च में लोकडाउन के चलते दोनों बहनों की जान बच गयी थी और अब ये लोग फिर से इस काम को अंजाम देने की फ़िराक में थे लेकिन उससे पहले ही पुलिस के हत्थे चढ़ गए !

अपने भाई सुरेश भगत की हत्या का बदला लेने के लिए ही विनोद ने यह साजिश रची थी !

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