Gangster Vicky Gounder Biography in Hindi । दुश्मन को मारकर भांगड़ा करने वाला गैंगस्टर विक्की गौंडर

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हरजिंदर सिंह भुल्लर (Vicky Gounder) एक बेहतरीन खिलाड़ी था, डिस्कस थ्रो में उसे महारत हासिल थी, उसने राष्ट्रीय स्तर पर तीन गोल्ड और दो रजत पदक हासिल किये थे. फिर एक दिन ऐसा आया कि वो दस लाख का इनामी कुख्यात गैंगस्टर बन गया.

  • वो अपने दुश्मन की मौत पर जश्न मनाने लगा, लाश पर भांगड़ा करने लगा.
  • वो हाई सिक्यूरिटी जेल में रहकर फेसबुक चलाता था और फिर एक दिन उसी जेल से कुछ ही मिनटों में वो फरार हो गया.
  • इस गैंगस्टर का नाम है विक्की गौंडर.

कौन था Gangster Vicky Gounder ?

तारीख थी 1 जनवरी और साल था 1990, जब पंजाब के एक किसान परिवार में हरजिंदर सिंह भुल्लर उर्फ़ विक्की का जन्म हुआ था. पिता मेहल सिंह और माँ बलवंत कौर जिला मुक्तसर के गाँव सरावां बोदला में रहते थे. ये गाँव पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के विधानसभा क्षेत्र में आता है जिसका नाम है लंबी.

हरजिंदर सिंह उर्फ़ विक्की पूरे गाँव का चहेता था, क्यों कि वो एक बेहतरीन खिलाड़ी था. पिता मेहल सिंह का सीना गर्व से चौंड़ा हो जाता था जब उनका बेटा मेडल्स जीतकर लाता था.

डिस्कस थ्रो में नेशनल लेबल का ये खिलाड़ी इंटरनेशनल प्लेयर बनने का सपना लेकर जालंधर पहुंचा था और वहां उसने स्पोर्ट्स कॉलेज में दाखिला ले लिया था. यहाँ उसकी मुलाक़ात नवप्रीत सिंह उर्फ़ लवली बाबा से हुई, धीरे धीरे ये दोनों अच्छे दोस्त बन गए. लवली बाबा ने ही प्रेमा लाहोरिया और सुख्खा कहलवा से विक्की की दोस्ती करवाई थी.

विक्की अपना ज्यादातर समय ग्राउंड में प्रेक्टिस करते हुए ही बिताता था, इसलिए दोस्तों ने उसके नाम के आगे गौंडर लगा दिया. हरजिंदर सिंह उर्फ़ विक्की अब विक्की गौंडर (Vicky Gounder) कहलाने लगा था.

डिस्कस थ्रो में तीन गोल्ड और दो रजत पदक जीतने वाले विक्की को BSF में नौकरी करने का मौक़ा भी मिला था, लेकिन अपने दोस्तों की वजह से उसने वो मौका गँवा दिया.

इसी दौरान सुक्खा कहलवा का लवली बाबा से झगडा हो गया और ये विवाद इतना बढा कि 1 फरवरी 2010 को सुक्खा ने विधीपुर सरकारी स्कूल जिम में लवली बाबा की हत्या कर दी. अपने दोस्त लवली बाबा की मौत के बाद विक्की गौंडर ने अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी बनने का सपना भूलकर सुक्खा कहलवा को मारने की कसम खाई और अपराध के दलदल में कूद पड़ा.

उसने 16 सितम्बर 2010 को नवजोत सिंह सरजू की गोली मार कर हत्या कर दी और कार छीन ली थोड़े ही समय में हरजिंदर सिंह भुल्लर उर्फ़ विक्की गौंडर हाईवे डकैत के रूप में कुख्यात हो गया.

21 जनवरी 2015 के दिन विक्की गौंडर ने सुक्खा कहलवा से अपने दोस्त लवली बाबा की मौत का बदला लेकर अपनी कसम पूरी कर ली.

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बुधवार का दिन था. सुक्खा कहलवा को नाभा जेल से जालंधर कोर्ट में पेशी के लिए ले जाया गया था, बापसी में दोपहर साढ़े तीन बजे फुग्वाडा के जमालपुर गाँव के पास अचानक एक फोर्चुनर और एक सेडान कार से आये लगभग एक दर्जन हमलावरों ने सुख्खा को ले जा रही पुलिस वेन को घेर लिया और फायरिंग शुरू कर दी.

पुलिसवालों के हथियार छीन लिए गए और सुक्खा कहलवा को गोलियों से छलनी कर दिया गया था. इसके बाद सोशल मीडिया पर एक विडियो वायरल हुआ था, जिसमे विक्की गौंडर और उसके साथी सुख्खा की लाश के पास भांगड़ा करके उसकी मौत का जश्न मना रहे थे.   

दिसंबर 2015 में विक्की गौंडर को सुक्खा की ह्त्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया, वो रोपड़ जेल में बंद था. इसी दौरान वहाँ दुसरे कैदी से उसकी लड़ाई हो गयी जिसके बाद उसे नाभा जेल में शिफ्ट कर दिया गया.

इधर विक्की नाभा जेल में बंद था और उधर गैंगस्टर से नेता बना उसका विरोधी जसविन्दर सिंह रॉकी 30 अप्रेल 2016 को अपने साथी और एक सरकारी गार्ड के साथ हिमाचल के सोलन से चंडीगढ़ जा रहा था. रास्ते में कुछ बदमाशों ने उसकी गाडी पर अन्धाधुन फायरिंग कर दी, रॉकी के सर में गोली लगी और उसकी मौत हो गयी.

जसविंदर सिंह रॉकी

जसविंदर सिंह रॉकी की मौत के तुरंत बाद नाभा जेल में बंद विक्की गौंडर ने फेसबुक पर एक पोस्ट डाल कर इस हत्याकांड की जिम्मेदारी ली थी और जेल में मिठाई बांटकर रॉकी की मौत का जश्न मनाया था.

इसके बाद उसने नाभा जेल में ऐसा कांड किया जिससे वो 10 लाख रूपए का इनामी मोस्ट वांटेड गैंगस्टर बन गया.  

नाभा जेल ब्रेक कांड 

27 नवम्बर 2016 को कड़ी सुरक्षा वाली नाभा जेल से विक्की गौंडर अपने साथियों के साथ फरार हो गया. इस दिन सुबह 9 बजे जेल के मुख्य दरवाजे पर दो गाड़ियां आकर रुकी, जिनमे पुलिस की वर्दी में लोग बैठे हुए थे. गेट पर मोजूद संतरी ने दरवाजा खोल दिया और ये लोग हथियारों के दम पर विक्की गौंडर समेत 6 कैदियीं को लेकर फरार हो गए.

जेल प्रशाशन की बड़ी किरकिरी हुई थी और और नाभा जेल से फारार होने के बाद विक्की गौंडर सुर्ख़ियों में था.

इस वारदात के अगले दो दिनों में ही पुलिस ने दो फरार कैदियों को गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन विक्की गौंडर को पुलिस नहीं पकड़ पाई थी. 

जेल से फरार होने के बाद पुलिस उसकी तलाश में जुटी थी. जेल से भागने के बाद भी विक्की गौंडर शांत नहीं बैठा था, उसकी आपराधिक गतिविधियाँ चालू थीं.

विक्की गौंडर की पुलिस के साथ मुठभेड़ 

जनवरी 2018 में पंजाब पुलिस को खबर मिली कि विक्की गौंडर और प्रेमा लाहोरिया पंजाब-राजस्थान के बॉर्डर पर पाकी गाँव में मौजूद हैं. इसके बाद 26 जनवरी शुक्रवार की रात में  एआईजी गुरमीत चोहान और इंस्पेक्टर विक्रमजीत बरार ने अपनी टीम के साथ विक्की गौंडर और उसके साथियों को घेर लिया और दोनों तरफ से गोलीबारी शुरू हो गयी.

पुलिस वालो के साथ गैंगस्टर्स की इस मुठभेड़ में विक्की गौंडर अपने दो साथियों प्रेमा लाहोरिया और सुखप्रीत के साथ मारा गया.

अपराध का रास्ता युवाओं को अपनी और खींचता जरूर है, लेकिन उस रास्ते पर चलने वालों का अंजाम कभी भी सुखद नहीं होता.  

सुक्खा कहलवा की उम्र सिर्फ 28 साल थी जब विक्की गौंडर और उसके साथियों के हाथों वो मारा गया था और विक्की गौंडर भी सिर्फ 28 साल का ही था, जब पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में उसकी जान चली गयी.

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