32 सालों से अनसुलझी है प्रसिद्ध लोक गायक अमर सिंह चमकीला की मर्डर मिस्ट्री

3136

द चाणक्य की स्पेशल सीरीज Unsolved पहेली में हम उन अनसुलझी मर्डर मिस्ट्रीज के बारे में बात करेंगे जो काफी चर्चा में रहीं एक लम्बा समय बीत जाने पर भी जिन मामलों में  हत्यारों का कोई सुराग हाथ नहीं लग सका और आज भी ये मामले एक अनसुलझी पहेली बने हुए हैं !

हमारे आज के एपिसोड में आप जानेंगे पंजाब के प्रसिद्ध लोक गायक अमर सिंह चमकीला की अनसुलझी मर्डर मिस्ट्री के बारे में !

साल 1988 में पंजाब के प्रसिद्ध लोक गायक अमर सिंह चमकीला की 27 साल की उम्र में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. 8 मार्च 1988 को पंजाब के मेहसामपुर में जब वे अपनी प्रस्तुति देने आए थे तो कार से निकलकर स्टेज की तरफ जाते हुए उन्हें गोलियों से भून दिया गया था। दिनदहाड़े हुए इस हत्याकांड में अमरसिंह चमकीला, उनकी दूसरी पत्नी और सिंगिंग पार्टनर अमरजोत समेतकुल चार लोग मारे गए थे.चमकीला की लगभग पूरी टीम की मौत हो गई थी. सिर्फ़ ढोलक बजाने वाले लाल चंद ही बच पाए थे लालचंद को भी गोली लगी थी लेकिन उनकी जान बचगयी थी

उस वक्त उनकी पत्नी अमरजोत गर्भवती थीं और उनकी छाती में गोली मारी गई थी। वहीं अमर सिंह के सीने में चार गोलियां मारकर उन्हें मौत के घाट उतार दिया गया था।

उस वक्त जब चमकीला अपने करियर के शिखर पर थे तब अक्सर उन्हें जान से मारने की धमकियां मिला करती थीं !

कहा जाता है कि उनको मिल रही धमकियों की एक वजह यह थी की वो द्विअर्थी गाने गाते थे और उस दौर में ऐसा करना काफी मुश्किल भरा होता था. अपने गानों में वे उन घटनाओं का ज़िक्र करते थे जो उस वक़्त पंजाब में हो रही थीं . वे अपने गानों में उन समस्यों को बताते थे जिनसे पंजाब उस वक़्त जूझ रहा था. जैसे नशा, मर्दानगी और एक्स्ट्रामेरिटल अफेयर्स

येउनके चाहने वालों को तो अच्छा लगता था लेकिन उन्हें नापसंद करने वाले उसे अश्लील समझते थे।

दोअर्थी बोल उनकेगीतों का अहम् हिस्सा थे. उस दौर के लिहाज़ से ये काफी जोख़िम भरा था यह जोख़िम इसलिए था क्योंकि खालिस्तानी आंदोलन चलाने वाले पंजाब को लेकर पवित्रता का विचार रखते थे. उन्हें लगता था कि ये गुरुओं की भूमि है इसलिए यहां हर क्षेत्र में पवित्रता ज़रूरी है.

चमकीला को धमकियां मिलने का एक कारण यह भी था कि उनकी अन्य गायकों से राइवलरी थी. उस दौर में चमकीला औरउनके गाने इतने लोकप्रिय थे कि लोग किसी दूसरे गायक को सुनना पसंद ही नहींकरते थे.

चमकीला इतने लोकप्रिय होते जा रहे थे कि लोग उन्हें ज़्यादा से ज़्यादासुनना चाहते थे. लोगों ने दूसरे पंजाबी लोकगीतों को सुनना बंद कर दिया था.

चमकीला के साथ उनकी दूसरी पत्नी अमरजोत भी गीत गाती थीं.अमरजोत उनकी सिंगिंग पार्टनर थीं और हर गीत में उनका साथ देती थीं.

उस दौर में पंजाब में तमाम ट्रक डाइवर चमकीला के गानेही सुना करते थे. इनगानों में कुछ ऐसा होता था की दिन हो या रात ट्रक चलाने के दौरान उन्हें सोने नहीं देता था, उन्हें जगाए रखता था.

डाइवर चमकीला के गानों को नशे की तरह इस्तेमाल कियाकरते थे. वे उनके गानों के कैसेट को चालू करते और ट्रक लेकर लंबे सफ़र पर निकल पडते !

ऐसा कहा जाता है कि उस दौर में चमकीला की वजह से बेरोज़गार गायक और संगीतकारों ने भाड़े के हत्यारों को उनकी हत्या की सुपारी दे दी थी !

मतलब बहुत से कारण थे जिनकी वजह से उन्हें धमकियां मिला करती थीं और जिनकी वजह से उनकी जान गई,

लेकिन ये जानकर आपको आश्चर्य होगा कि 1988 में जब चमकीला की हत्या हुई उसके बाद पुलिसथाने में कभी कोई रिपोर्ट ही नहीं लिखी गई. और आज 30 साल बाद भी अमर सिंह चमकीला और उनके साथियों की हत्या एक अनसुलझी पहेली बनी हुई है !