13 जुलाई मंगलवार को शाम के सवा सात बजे थे, आगरा के एक मशहूर डॉ. उमाकांत गुप्ता रोज की तरह अपने घर से नर्सिंगहोम के लिए निकले थे, लेकिन वे अस्पताल नहीं पहुंचे. 60 साल के डॉ. उमाकांत गुप्ता सर्जन हैं और आगरा में अपना नर्सिंगहोम चलाते हैं. उनकी पत्नी डॉ. विद्या गुप्ता स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं. इनके दो बेटे हैं वो भी डॉक्टर है.
डॉ. उमाकांत गुप्ता के घर से नरसिंगहोम की दूरी लगभग 700 मीटर होगी ,जो रॉयल चौराहे के पास है. डॉ गुप्ता रोज शाम को 7 बजे के लगभग राउंड पर निकलते थे और 10 बजे तक बापस आ जाते थे.
रोज की तरह ही मंगलवार को भी वे अपनी नीले रंग की बलेनो कार से नर्सिंगहोम के लिए निकले थे, लेकिन वहाँ नहीं पहुंचे और बापस घर भी नहीं आये. रात के ग्यारह बज चुके थे और डॉक्टर साहब अभी तक घर नहीं आये थे. उनकी पत्नी डॉ विद्या ने फ़ोन लगाया तो उनका फ़ोन भी बंद आ रहा था.
अब उन्हें चिंता होने लगी थी इसलिए डॉ विद्या ने देर रात पुलिस को सूचना दी और अपने पति के लापता होने की शिकायत दर्ज करवाई.
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डॉ. उमाकांत गुप्ता आगरा के एक जाने माने सर्जन हैं. उनके लापता होने की खबर जैसे ही पुलिस को लगी तो पुलिस सक्रिय हो गई और आनन-फानन में उनकी तलाश शुरू की गई.
डॉ उमाकांत का फ़ोन मंगलवार रात साढ़े आठ बजे ही बंद हो गया था और उनके फ़ोन की आख़िरी लोकेशन राजस्थान की सीमा के पास सैंया थाना क्षेत्र के तेहरा गाँव की मिल रही थी, जबकी उनकी पत्नी का कहना था कि सैया क्षेत्र में उनका कोई काम नहीं था और न ही उनका वहाँ आना जाना होता था.
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अब पुलिस को मामला ज्यादा गंभीर लगने लगा था, पुलिस को अंदेशा था कि उनका अपहरण हुआ है. आगरा थाना पुलिस और क्राइम ब्रांच डॉ उमाकांत की तलाश कर रही थी. पुलिस की एक टीम राजस्थान बोर्डर पहुँची जहाँ उनका फ़ोन स्विच ऑफ हुआ था.
सैंया टोल प्लाजा के सीसीटीवी फुटेज चेक किए लेकिन उसमे कार नहीं दिखी, उसे शायद दुसरे रास्ते से ले जाया गया था. पुलिस लगातार डॉ उमाकांत के परिवार के संपर्क में थी. अभी तक फिरोती के लिए कोई फ़ोन नहीं आया था और डॉ गुप्ता की किसी से कोई रंजिश भी नहीं थी ना ही उनका किसी से कोई झगड़ा हुआ था. फिर उनके साथ हुआ क्या था ?
डॉ उमाकांत के लापता होने के 15 घंटे बाद उनकी नीले रंग की बलेनो कार राजस्थान के धौलपुर में लावारिश हालत में मिली
पुलिस की कुल छह टीमें डॉ उमाकांत की तलाश में लगा दी गयी थी. उनके घर से अस्पताल के रास्ते में लगे सीसीटीवी की फूटेज भी पुलिस चेक कर रही थी. धौलपुर में चेकिंग के दौरान पुलिस ने इस मामले में एक बदमाश को गिरफ्तार कर लिया और फिर इसमे शामिल महाराष्ट्र की रहने वाली संध्या नाम की एक युवती की भी गिरफ्तारी हुई, जिसके बाद ये पूरा मामला खुलता चला गया.
क्या डॉ. उमाकांत गुप्ता हनी ट्रैप का शिकार हुए थे ?
संध्या ने एक महीने पहले ही डॉ. उमाकांत के नर्सिंगहोम में ज्वाइन किया था. 60 साल के डॉ उमाकांत और संध्या तभी से ही व्हाट्स पर लगातार बात कर रहे थे. मंगलवार की शाम संध्या ने डॉ. गुप्ता को मिलने के लिए भगवान टाकीज के पास बुलाया था. जब वे उससे मिलने आये तो वो उनकी कार मैं बैठ गयी. ये दोनों लॉन्ग ड्राइव के लिए निकले थे संध्या रास्ता बताती रही और डॉ साहब कार चलाते रहे.
डॉ उमाकांत को पता ही नहीं था कि संध्या के दो साथी बाइक से उनकी कार के पीछे पीछे चल रहे हैं. मधुनगर के पास बाइक सवार बदमाशों ने कार को रोक लिया। संध्या गाडी से नाचे उतर गई और ये बदमाश डॉक्टर गुप्ता को धौलपुर की तरफ ले गए.
संध्या महाराष्ट्र की रहने वाली है और बीहड़ में बदन सिंह तोमर के संपर्क में थी. बदन सिंह तोमर डाकू केशव गुर्जर से जुड़ा हुआ है. एक माह पहले संध्या नर्सिंग होम में आई थी तभी इन लोगों ने डॉ गुप्ता का अपहरण करके पांच करोड़ की फिरौती मांगने का प्लान बनाया था. उन्हें उम्मीद थी की एक करोड़ रूपए तो मिल ही जायेंगे.
धौलपुर के दिहोली क्षेत्र में चंबल नदी के पास डॉक्टर को रखा गया था. ये बीहड़ का इलाका है.
इतना सब पता चलने के बाद आगरा पुलिस ने धौलपुर पुलिस से संपर्क किया, जिसके बाद राजस्थान पुलिस और आगरा की पुलिस चम्बल में डॉ गुप्ता की तलाश में जुट गयी.
पुलिस ने बीहड़ में घेराबंदी कर दी और जब बदमाशों को कोई रास्ता नहीं सूझा तो गुरुवार तड़के चार बजे वे डॉ उमाकांत को छोड़कर भाग निकले और पुलिस उन्हें सुरक्षित बचा पाने में कामयाब हो गयी.
फिलहाल संध्या और अपहरण में शामिल उसका एक साथी गिरफ्तार कर लिया गया है और पुलिस अब गैंग के लीडर और इस मामले में शामिल दूसरे आरोपियों की तलाश कर रही है.
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