हिन्दू नेता रणजीत बच्चन हत्याकांड Crime Story

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आज की अपराध कहानी (Crime Story) है विश्व हिंदू महासभा के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष रंजीत बच्चन की. एक साधारण परिवार में जन्मे रणजीत को उनकी महत्वाकांक्षा ने शोहरत पैसा और पॉवर सब कुछ दिया, उन्होंने दो-दो महिलाओं से शादी भी की.

२ फरवरी रविवार को वे मॉर्निंग वॉक पर निकले थे. उस वक़्त उनके साथ एक दोस्त आदित्य कुमार श्रीवास्तव भी थे. लखनऊ के हजरतगंज इलाके में ग्लोक पार्क के पास किसी अज्ञात व्यक्ति ने उन्हें गोली मार दी. जिससे रंजीत की मौत हो गई. आदित्य को भी गोली लगी और उन्हें सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया.

गोरखपुर उत्तर प्रदेश में एक कायस्थ परिवार का लड़का रणजीत कुमार श्रीवास्तव अभिनय का शोकीन था. ये रंगमंच का उम्दा कलाकार अमिताभ बच्चन को आदर्श मानता था, इसीलिये उसने अपने नाम में से श्रीवास्तव निकालकर बच्चन लगा लिया और उसका नाम हो गया रणजीत बच्चन.

रणजीत बच्चन की कालिंदी शर्मा से मुलाक़ात और साइकिल यात्रा

साल २००० में नुक्कड़ नाटक करते हुए रणजीत की मुलाक़ात कालिंदी शर्मा से हुई, दोनों के विचार मिले तो जल्दी ही दोस्ती भी हो गयी. रणजीत सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्र में आगे जाना चाहते थे. उन्होंने कालिंदी की सलाह पर देश में शान्ति का सन्देश देने के लिए फरवरी २००२ में साइकिल यात्रा शुरू की.  4 फरवरी २००२ को १६ लोगों के साथ शुरू हुई ये साइकिल यात्रा आठ साल तक चली जिसमे सिर्फ कालिंदी ही आखिर तक उनके साथ रही. इसी यात्रा के दौरान फरवरी २००५ मे नासिक के एक मंदिर में रणजीत और कालिंदी ने शादी कर ली.

इतनी लम्बी साइकिल यात्रा का कीर्तिमान बनाकर उन दोनों ने लिम्का बुक में अपने नाम दर्ज करवा लिए थे.

रणजीत बच्चन का समाजवादी पार्टी से कनेक्शन

साल २०१३ में UP विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के लिए दोनों ने जमकर प्रचार किया अखिलेश यादव मुख्यमंत्री बने तो रणजीत को राज्य मंत्री का दर्जा मिल गया. दोनों को 5 – 5 लाख रुपये नगद मिला और लखनऊ में एक फ्लैट भी.

रणजीत को शोहरत और पॉवर मिली तो कार की कमी महसूस हुई.

रणजीत बच्चन की स्मृति वर्मा से मुलाक़ात

लखनऊ में ही विकासनगर की रहने वाली स्मृति वर्मा को अपनी SUV कार बेंचना थी. स्मृति सरकारी नौकरी में थी और अपने नायब तहसीलदार पिता की करोड़ों की सम्पति की मालकिन भी. साल २०१४ में कार के सौदे को लेकर स्मृति और रणजीत की पहली बार मुलाक़ात हुई और फिर ये सिलसिला रुका नहीं.

१८ जनवरी २०१५ को रणजीत ने कालिंदी को बिना बताये चुपके से स्मृति से दूसरी शादी कर ली. इधर रणजीत ने दूसरी शादी की और उधर 3 दिन बाद गोरखपुर में २१ जनवरी को पहली पत्नी कालिंदी ने बेटे को जन्म दिया.

शुरू हुई रिश्तों में खटास

जब कालिंदी को पता चला कि रणजीत ने दूसरी शादी कर ली है तो उस पर तो जैसे पहाड़ टूट पड़ा. रणजीत ने उसे धोखा दिया था और वो ये बर्दास्त करने वाली नहीं थी उसने गोरखपुर महिला थाने में रणजीत के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवा दी.

जैसे तैसे दोनों में सुलह हुई और कालिंदी बेटे को लेकर रणजीत के पास लखनऊ आ गयी. कालिंदी का रणजीत के पास लौटकर आना स्मृति को बर्दास्त नहीं हुआ, होता भी कैसे ? एक म्यान में दो तलवारें कैसे रह सकती हैं.वो रणजीत को छोड़कर अपने विकासनगर वाले घर बापस चली गयी.

भगवा धारण किया

साल २०१७ के आखिर में रंजीत और कालिंदी का २.5 साल का बेटा नहीं रहा. इस घटना के बाद ही रणजीत की जिंदगी में सबसे बड़ा बदलाव आया, बेटे के दुःख से आहत रणजीत ने आध्यात्म का रुख किया और विश्व हिंदू महासभा नाम का संघटन बनाया. कालिंदी इसमें उसके साथ रही. 

खुद को हिंदू नेता के तौर पर स्थापित करने के लिए उन्होंने भगवा कपड़े पहनना शुरू कर दिया था.

कौशल्या आश्रम के नाम से वृद्धा और अनाथों के लिए वे एक संस्था चलाते थे. वहीं भारतीय सोशल वेलफेयर फाउंडेशन के नाम से और एक सामाजिक संस्था भी वह गोरखपुर में चला रहे थे. भारतीय कायस्थ महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रहे. भारतेंदु नाट्य अकादमी के ग्रेडेड आर्टिस्ट व आल इंडिया दूरदर्शन ड्रामा आर्टिस्ट संगठन से भी जुड़े थे. उन्होंने पल्स पोलियो के लिए विशेष जागरूकता अभियान चलाया था. हाल ही में सीएए पर भड़काऊ बयान देकर वे काफी चर्चा में आए थे.

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रणजीत बच्चन हत्याकांड

रणजीत बच्चन को लखनऊ में २ फरवरी रविवार की सुबह गोली मार दी गई थी । सुबह सवेरे हुई इस हत्या के बाद लखनऊ में हड़कंप मच गया.

लखनऊ पुलिस कमिशन्नर सुजीत पांडेय ने रणजीत बच्चन हत्याकांड की जांच के लिए छह टीमें गठित की.पुलिस उनसे जुड़ी हर गतिविधियों के बारे में पता कर रही थी. वहीं उनके सोशल मीडिया अकाउंट भी खंगाले जा रहे थे. दूसरी तरफ उनके यहां आने-जाने वाले और परिवार के अन्य लोगों से भी पुलिस की टीम जानकारी इकट्ठा कर रही थी.

पुलिस ने एक सीसीटीवी फुटेज भी जारी किया जिसमें दो संदिग्धों को देखा गया था. उन दोनों पर 50 हजार रुपये का इनाम भी जारी कर दिया गया.

रणजीत बच्चन हत्याकांड का खुलासा

6 फरवरी को रणजीत बच्चन हत्याकांड का खुलासा करते हुए पुलिस ने दावा किया कि रणजीत की हत्या उसकी दूसरी पत्नी स्मृति ने करवाई थी.

दरअसल रणजीत से अलग होने के बाद स्मृती दीपेन्द्र के संपर्क में आई थी और रंजीत से तलाक़  लेकर दीपेन्द्र से शादी करना चाहती थी.रणजीत तलाक देने के लिए तैयार नहीं थे.

18 जनवरी को स्मृति और रणजीत की मैरिज एनिवर्सरी थी. रणजीत स्मृति को लेकर एनिवर्सरी सेलीब्रेट करने के लिए होटल जाना चाहता था पर स्मृति ने इनकार कर दिया. इसी बात को लेकर दोनों में बहस हुई और रणजीत ने स्मृति को तमाचा जड़ दिया.

ये बात स्मृति ने दीपेन्द्र को बताई, स्मृति ने दीपेंद्र से कहा कि रणजीत की मौत के बाद ही उन दोनों की शादी हो सकती है. दीपेंद्र को सरकारी नौकरी करने वाली पत्नी और करोड़ों की संपत्ति भी नजर आने लगी. जब रणजीत को रास्ते से हटाने की बात सामने आई तो वह इनकार नहीं कर सका. उसने हत्या की साजिश रच डाली. उसने अपने चचेरे भाई जीतेन्द्र और ड्राईवर संजीत को भी इस  साजिश में शामिल कर लिया. उसने जितेंद्र को कहा कि काम होने के बाद स्मृति से शादी का रास्ता साफ़ हो जाएगा और शादी के बाद जिंदगी बन जाएगी. इसके बाद दोनों उसके पैसों पर जिंदगी भर मौज करेंगे. इसी लालच में जितेंद्र ने वारदात को अंजाम दिया.

२ फरवरी को जब रणजीत सुबह घूमने निकले तो जितेंद्र और दीपेंद्र रणजीत के पीछे-पीछे ग्लोब पार्क तक गए जहाँ जीतेन्द्र ने रणजीत को गोली मार दी. दीपेंद्र व जितेंद्र के साथ ड्राईवर संजीत भी मौके पर था, जो कुछ दूरी पर इंतजार कर रहा था.

वारदात में शामिल स्मृति, दीपेन्द्र और संजीत गौतम को पुलिस ने 6 फरवरी को गिरफ्तार कर लिया वहीँ  वारदात को अंजाम देने वाला शूटर जीतेंद्र, आलमबाग के देवी खेड़ा में हुई पुलिस मुठभेड़ में दबोच लिया गया.

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