बेबी किलर दरबारा सिंह की कहानी – Crime Patrol Real Case-Inside Story, E-476

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दरबारा-सिंह

दरबारा सिंह (Darbara Singh) हमेशा साइकिल पर चलता था और अपने बैग में ढेर सारी टॉफियां रखता था. वह साइकिल पर घूम-घूम कर छोटी बच्चियों को टॉफियां देकर लुभाता था और फिर सुनसान जगह में ले जाकर उनके साथ मारपीट करता था और फिर उनकी हत्या कर देता था.

ये कहानी है एक खतरनाक सीरियल ‘बेबी किलर’ दरबारा सिंह की

पंजाब के अमृतसर का रहने वाला दरबारा सिंह जिसे लोग इसके नाम से नहीं बल्कि ‘बेबी किलर’ (Baby Killer) के नाम से जानते हैं. दारबारा सिंह, ब्यास, अमृतसर के निवासी साल 1952 में पैदा हुआ था, पतला और लंबा दारबारा सिंह साल 1975 में पठानकोट की वायु सेना स्टेशन का एक अधिकारी था.

दरबारा सिंह पर नौकरी के दौरान एक मेजर के परिवार पर हथगोला फेंकने का आरोप लगा था. हालांकि इस मामले में उसे बरी कर दिया गया था. लेकिन तब किसी ने नहीं सोचा था कि सेना में सेवारत सिपाही दरबारा सिंह हैवान हो सकता है और जब तक लोगों को इसकी जानकारी हुई, उसने कई निर्दोष मासूमों की जान ले ली.

दरबारा सिंह जिस इलाके में रहता था वहां के लोग उसे देखकर कांप जाते थे.

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दरबारा सिंह (Darbara Singh) की सनक ने ही उन्हें सेना से बाहर का रास्ता दिखाया, उसने पठानकोट में तैनात एक वरिष्ठ अधिकारी पर हमला कर दिया था.

दरबारा सिंह पर करीब 17 बच्चों की बेरहमी से हत्या का आरोप था. वह प्रवासी मजदूरों के बच्चों को ही निशाना बनाता था, इतना ही नहीं उसने क्रूरता की हदें पार करते हुए कई मासूम बच्चियों के साथ रेप भी किया था.

अदालत ने उसे एक प्रवासी मजदूर की बेटी के साथ दुष्कर्म करने और उसकी हत्या करने के जुर्म में 30 साल कैद की सजा सुनाई थी. अच्छे आचरण के कारण साल 2003 में उसे 10 साल बाद रिहा कर दिया गया,

जेल से रिहा होने के बाद, दरबारा सिंह को यह विचार आया कि उनके जीवन के महत्वपूर्ण वर्ष प्रवासी मजदूरों के कारण बर्बाद हो गए हैं. इसलिए उसने प्रवासी मजदूरों से बदला लेने का फैसला किया और फिर इस जुनून में वो हैवान बन गया. उसके अंदर छिपी बुराई एक बार फिर जाग गई और उसने फिर से क्रूरता करना शुरू कर दिया.

दरबारा सिंह तीन बच्चों का पिता था लेकिन उसकी पत्नी ने उसकी घिनौनी हरकतों से तंग आकर उसे घर से निकाल दिया था. उसने पुलिस के सामने कबूल किया कि उसने 17 बच्चों में से अधिकांश के साथ बलात्कार और छेड़छाड़ की थी और उनके शवों को रैया खडूर साहिब रोड पर पुल के पास दफना दिया था.

कपूरथला में चंद महीनों में एक के बाद एक करीब 23 बच्चे लापता हो गए, जिनमें से छह को पुलिस ने बरामद कर लिया. इन सभी की उम्र 10 साल से कम थी. दरबारा सिंह ने 17 बच्चों की हत्या करना कबूल किया था. इनमें 15 लड़कियां और दो लड़के थे. हालांकि, पुलिस को यह भी संदेह था कि उसने कई पीड़ितों के नामों का खुलासा नहीं किया.

दरबारा सिंह (Darbara Singh) हमेशा बच्चों को मिठाई, समोसे और पटाखों का लालच देकर लुभाता था. वह सुबह 10 बजे से दोपहर 12.30 बजे के बीच ही बच्चों को पकड़ लेता था, क्योंकि इस समय ज्यादातर मजदूर काम पर गए हुए होते थे और उनके बच्चे अकेले रहते थे। साल 2008 में, उसे मौत की सजा सुनाई गई थी, हालांकि बाद में इसे आजीवन कारावास में बदल दिया गया था.

सीरियल किलर दरबारा सिंह की 75 साल की उम्र में सरकारी राजिंद्र अस्पताल में मृत्यु हो गई, उसके परिवार ने उसका शव लेने से इनकार कर दिया था.


दरबारा सिंह (Darbara Singh) पर आरोप 

  • रिपुदमन की पांच साल की बेटी लक्ष्मी 15 अगस्त 2004 को लापता हो गई थी। बाद में उसकी मौत की पुष्टि हुई.
  • मॉडल टाउन जालंधर में रहने वाला गोपाल का 6 साल का बेटा सतीश 18 अप्रैल 2004 को लापता हो गया था और बाद में उसकी मौत की पुष्टि भी हो गई थी. सतीश की 10 साल की बहन गुड़िया को भी प्रताड़ित किया था.
  • अवतार नगर, जालंधर निवासी मकसूद की 10 वर्षीय बेटी 22 अगस्त 2004 को लापता हो गई थी और बाद में मृत पाई गई थी.
  • 24 अगस्त 2004 को उमेश शास्त्री का 5 साल का बेटा संजू कुमार लापता हो गया और फिर कभी नहीं लौटा.
  • 6 अगस्त 2004 को पूना राम की 7 साल की बेटी पूनम घर से लापता हो गई और बाद में उसकी मौत की पुष्टि हो गई.
  • 28 अगस्त 2004 को नरबहादुर के बेटे राजेश और बेटी गीता का अपहरण कर लिया गया था। अदालत ने उसे भी शिकार बनाया.
  • लालू प्रसाद नाम के चार साल के बच्चे की भी मौत की पुष्टि हुई.
  • 18 अप्रैल को गोबिंद नाम के शख्स ने दो बेटियों दीक्षा और आशा का अपहरण कर लिया। दरबारा सिंह ने दीक्षा को मार दिया है लेकिन आशा वहां से भागने में सफल हो गई.
  • 9 साल की रानी और नीशु का 22 अक्टूबर को अपहरण कर लिया गया था, इनमें से उसने रानी को मार डाला जबकि नीशु बच गया. इसके बाद मुमताज नाम की लड़की भी दरबारा से बचने में कामयाब रही.
  • जीटीबी नगर में रहने वाला अखिलेश का 8 साल का बेटा शंकर भी उसके चंगुल से छूटने में कामयाब रहा.
  • दरबारा ने पांच साल के अमृत और उसकी बहन कारू का अपहरण कर लिया और फिर उन दोनों को मार डाला.
  • 29 जून 2004 को शास्त्री नगर में रहने वाले मो. अजीज की 4 साल की बेटी रवीना लापता हो गई, बाद में उसकी हत्या की पुष्टि हुई.
  • 29 जून 2004 को बस्ती बावा खेल में रहने वाले भारत भूषण की बेटी पाताल कुमारी का अपहरण कर लिया गया था, हालांकि उसे बचा लिया गया था.
  • 16 अगस्त 2004 को बीर बहादुर की तीन साल की बेटी नितिका का अपहरण कर लिया गया था लेकिन वह भी बच गई.
  • मस्त लाल के 5 वर्षीय बेटे राजेश का 16 अगस्त 2004 को अपहरण कर लिया गया था लेकिन वह भी बच गया.
  • रुद्र राम के 9 वर्षीय बेटे जतिंदर का 17 जून 2004 को अपहरण कर हत्या कर दी गई थी.
  • दरबारा सिंह ने राम उदर की 8 साल की बेटी पूजा और उसके भाई दीपक (4) की भी हत्या कर दी.

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