“शादी, साजिश और हत्या: राजा रघुवंशी हत्याकांड की पूरी कहानी”

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मध्य प्रदेश के इंदौर के एक नवविवाहित जोड़े की शिलांग यात्रा एक प्रेम कहानी लगती थी, लेकिन इस ट्रिप ने एक दिल दहला देने वाली साजिश को जन्म दिया। राजा रघुवंशी, जो अपनी पत्नी सोनम के साथ हनीमून पर गया था, 2 जून 2024 को मृत पाया गया। जब पुलिस ने तहकीकात की, तो खुलासे एक के बाद एक डराने वाले साबित हुए।

शादी के पीछे छिपा प्लान

राजा रघुवंशी और सोनम की शादी 11 मई को पूरे परिवार की खुशी के साथ हुई थी। किसी को अंदेशा नहीं था कि सोनम पहले से ही अपने प्रेमी राज कुशवाहा के साथ मिलकर एक खतरनाक योजना बना चुकी थी।

सोनम और राज का प्रेम संबंध लगभग 4–5 महीने पुराना था। सोनम के पिता हार्ट पेशेंट थे और पारंपरिक शादी की बात कर रहे थे, इसलिए उसने मजबूरी में राजा से शादी तो कर ली, लेकिन मन में ठान लिया कि शादी के बाद राजा को रास्ते से हटा देगी और राज से विवाह करेगी।

हत्या की साजिश: सुपर कॉरिडोर से शिलांग तक

साजिश की शुरुआत 16 मई को इंदौर के सुपर कॉरिडोर स्थित एक कैफे से हुई, जहाँ सोनम और राज ने अपने तीन अन्य साथियों — विशाल चौहान, आकाश राजपूत और आनंद कुर्मी — के साथ मिलकर राजा को मारने की योजना बनाई।

राज ने आरोपियों को हत्या के लिए 50 हजार रुपए, एक कीपैड फोन, एक एंड्रॉइड मोबाइल और नई सिम कार्ड दिलवाया। ये फोन बाद में सोनम को दिया गया ताकि वह शिलांग से तीनों से संपर्क बनाए रख सके।

शिलांग में मौत का खेल

22 मई को सोनम और राजा शिलांग पहुंचे। राजा को नहीं मालूम था कि तीनों आरोपी भी वहीं हैं और उनकी निगरानी कर रहे हैं। सोनम उन्हें पल-पल की लोकेशन दे रही थी।

23 मई, एकादशी के दिन — जिसे पवित्र व्रत का दिन माना जाता है — सोनम ने राजा को फोटोशूट के बहाने सुनसान पहाड़ी इलाके में बुलाया।

तीनों आरोपी पहले से वहां मौजूद थे। पहाड़ी की चढ़ाई से वे थक चुके थे और हत्या से पीछे हटना चाहते थे, लेकिन सोनम ने उन्हें कहा, “20 लाख रुपए दूंगी, मारना तो पड़ेगा।” इस लालच में आकर आरोपियों ने राजा पर हमला कर दिया।

हत्या का मंजर

राजा ने विरोध किया, लेकिन चारों तरफ से हमला होने के कारण वह बुरी तरह घायल हो गया। विशाल चौहान ने उसके सिर पर पीछे से हमला किया। सोनम वहीं मौजूद थी और चिल्लाई, “मार डालो इसे!

जब आरोपी राजा को खाई में फेंकने लगे तो वह अब भी जिंदा था। उसे पूरी तरह फेंक पाने में जब आरोपी असमर्थ रहे, तो सोनम ने खुद उसे धक्का देकर खाई में फेंक दिया।

सबूत मिटाने की कोशिश

हत्या के बाद सोनम ने आरोपियों को राजा के पर्स से निकाले गए ₹15,000 दिए और कहा कि पूरा पैसा बाद में मिलेगा। फिर उसने राजा की एक्टिवा और मोबाइल तोड़कर 25 किमी दूर फेंक दिए।

वाराणसी और गिरफ्तारी

हत्या के बाद आरोपी ट्रेन से अपने-अपने गृहनगर चले गए। सोनम वाराणसी गई और वहां से भागती रही। लेकिन जब पुलिस ने राज कुशवाहा को गिरफ्तार किया, तो पूरी साजिश सामने आ गई। सोनम घबरा गई और गाजीपुर के एक ढाबे से अपने घर फोन किया, जहाँ से पुलिस ने उसे पकड़ लिया।

निष्कर्ष

इस केस ने यह साबित कर दिया कि प्रेम, लालच और साजिश किस तरह एक मासूम की जान ले सकते हैं। यह घटना कानून व्यवस्था के लिए चेतावनी भी है कि कैसे योजनाबद्ध अपराध में कई लोग शामिल हो सकते हैं, और कोई भी चेहरा मासूम नहीं समझा जाना चाहिए।