तीन क़त्ल, साज़िश और पुनर्जन्म की कहानी #Crime Kahani

2861
तीन क़त्ल, साज़िश और पुनर्जन्म की कहानी

तीन क़त्ल, साज़िश और पुनर्जन्म की कहानी #CrimeKahani

तीन क़त्ल किनके हुए थे ?

देवेन्द्र मोहन शर्मा अपने परिवार में अकेले ऐसे शख्स हैं जो जिन्दा बचे हैं, इनका भरा पूरा परिवार था लेकिन सिर्फ दो महीने से भी कम समय के भीतर इनके परिवार में तीन क़त्ल हो गए, इन्होने अपनी पत्नी और दो बेटियों को खो दिया. सबसे पहले इनकी छोटी बेटी चल बसी, उसके 1 महीने बाद इन्होने अपनी पत्नी को खोया और इसके बाद अगले बीस दिन में इनकी बड़ी बेटी भी इस दुनिया से चली गयी. ये कोई सामान्य मौतें नहीं थी, इसके पीछे थी एक गहरी साजिश और पुनर्जन्म से जुडी कहानी.

क़त्ल कैसे हुए ?

देवेन्द्र मोहन शर्मा एक दवा कारोबारी हैं. इनके घर में पत्नी अनीता के अलावा छोटी बेटी प्रियंका भी रहती थी. प्रियंका विदेश से अपनी पढाई पूरी करके आने के बाद से पिता के दवा कारोबार में उनकी मदद करती थी.

इनकी बड़ी बेटी दिव्या की ग्रेटर कैलाश में रहने वाले वरुण अरोरा से शादी हो चुकी थी. इस शादी से वरुण और दिव्या के दो जुड़वाँ बच्चे भी हैं, एक बेटा और एक बेटी.

1 फरवरी 2021 की सुबह प्रियंका अपने पिता देवेन्द्र मोहन शर्मा को बताती है, कि उसके पैरों में बहुत ज्यादा दर्द हो रहा है इसलिए वो आज उनके साथ ऑफिस नहीं जा पायेगी. देवेन्द्र भी उसे आराम करने का बोलकर काम पर चले जाते हैं.

रात को जब वे ऑफिस से बापस घर लौटते हैं तब तक प्रियंका के पैरों का दर्द बहुत बड़ चुका था, अगले दिन यानि कि 2 फरवरी को देवेन्द्र, प्रियंका को लेकर मोतीनगर के एक हॉस्पिटल में गए जहाँ उसकी कुछ जांचें हुई, जिनकी रिपोर्ट्स आना बाकी था.

रात होते होते प्रियंका के पैर सुन्न होने लगे थे और 3 फरवरी की सुबह तक तो उसकी हालत इतनी ख़राब हो गयी कि वो अपने पैरों पर खडी भी नहीं हो पा रही थी. इसलिए उसे बी एल कपूर अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां 15 फरवरी 2021 की सुबह प्रियंका की मौत हो गयी.

परिवार सदमे में था कि प्रियंका को अचानक ऐसी क्या बीमारी हुई जिससे उसकी जान चली गयी.

छोटी बेटी की अचानक मौत के दुःख से परिवार उबर पाता इससे पहले ही बड़ी बेटी दिव्या की भी तबियत खराब हो गयी, उसके बाल अचानक से झड़ने लगे. दिव्या की हालत लगातार बिगड़ती जा रही थी इसलिए उसे गंगा राम अस्पताल में भर्ती कराया गया.  

इधर दिव्या आईसीयू में जिंदगी और मौत से जूझ रही थी और उधर उसकी माँ अनीता की भी तबियत खराब हो गयी, फिर 4 मार्च को उन्हें भी अस्पताल में भर्ती करना पड़ा. इनके घर में काम करने वाली महिला भी इसी तरह से अचानक बीमार हो गयी.

देवेन्द्र मोहन शर्मा की सेहत भी लगातार बिगड़ रही थी, उनके बाल भी झड़ने लगे थे. लेकिन हालत इतनी ज्यादा खराब नहीं थी जितनी उनकी पत्नी और बेटी की थी, इसलिए वे उनका ध्यान रख रहे थे इसके बावजूद इलाज के दौरान 21 मार्च को उनकी पत्नी अनीता की भी मौत हो गयी.

अब तक देवेन्द्र ने अपनी छोटी बेटी प्रियंका और पत्नी अनीता को खो दिया था, उनकी बड़ी बेटी दिव्या कोमा में जा चुकी थी और उसका भी बच पाना मुश्किल लग रहा था.

राज़ कैसे खुला ?

जांचों से कुछ पता नहीं चल पा रहा था कि आखिर बीमारी क्या है ? फिर देवेन्द्र मोहन शर्मा के एक परिचित डॉक्टर की सलाह पर टॉक्सिक टेस्ट करवाया गया. ये जाँच शरीर में मौजूद जहर और जहरीले केमिकल की उपस्थिति का पता करने के लिए की जाती है.

जांच रिपोर्ट से इन सबके शरीर में थैलियम के होने का खुलासा हुआ.

थैलियम एक ऐसा धीमा जहर है, जो धीरे-धीरे जिंदगी को खत्म कर देता है. थैलियम के शरीर में पहुँचने के कुछ घंटों के भीतर ही मांसपेशियों में दर्द और सुन्न होने जैसे लक्षण महसूस होते हैं, कुछ दिनों के अन्दर बाल झड़ना शुरू हो जाते हैं, धीरे-धीरे मांसपेशियां बेकार होने लगती हैं, याद्दाश्‍त चली जाती है और आखिर में इंसान ख़त्म हो जाता है.  

जांच रिपोर्ट में थैलियम की पुष्टि होते ही देवेन्द्र मोहन शर्मा को कुछ याद आया और उन्होंने 23 मार्च को पुलिस से अपने दामाद वरुण अरोरा की शिकायत कर दी.

वरुण की गिरफ़्तारी

पुलिस ने उससे पूछताछ की लेकिन वरुण ने कुछ भी नहीं बताया.

उस रात पुलिस ने उसे घर जाने दिया, रात में वरुण ने अपने घर में रखे थैलियम की थोड़ी सी मात्रा खुद भी ले ली, जिससे कि पुलिस उस पर शक न करे. 24 मार्च की सुबह उसने अपने घर पर लैब वाले को बुलाकर अपना टेस्ट भी करा लिया था. लेकिन जब अगले दिन पुलिस ने अपने तरीके से इससे पूछताछ की तो उसने सब कुछ उगल दिया.

साज़िश और पुनर्जन्म का पूरा खुलासा

दरअसल, 31 जनवरी को दिव्या अपने पिता के इन्द्रपुरी वाले घर पर थी. उस दिन दोपहर करीब 3 बजे वरुण अपने ससुराल पहुंचा, वो अपने साथ सभी के लिए फिश करी बनाकर लाया था. उस वक्त घर पर उसकी पत्नी और बच्चों के अलावा सास अनिता और ससुर देवेंद्र थे. उसने अपनी पत्नी समेत सभी को मछली खिलाई, लेकिन अपने दोनों छोटे बच्चों को ये बोलकर फिश करी नहीं खाने दी कि उन्हीने अभी दूध पिया है. वरुण ने खुद भी मछली खाने से मना कर दिया.

प्रियंका उस दिन अपने दोस्तों के साथ लंच के लिए बाहर गई थी. इसलिए वरुण अपनी साली प्रियंका के आने का इंतजार करता रहा. जब शाम को वो वापस आई तो 6 बजे के करीब उसने प्रियंका को भी फिश करी खिलाई. जब प्रियंका ने वरुण से भी साथ में खाने को कहा, तो उसने जबड़े में दर्द होने का बहाना बना दिया. 

वरुण जो फिश करी बनाकर लाया था, उसमे थैलियम मिला हुआ था. उसने अपनी साज़िश के अनुसार सभी को वो फिश करी खिलाई और अपने घर बापस लौट आया. जिसके बाद प्रियंका और अनीता की जान चली गयी और दिव्या कोमा में थी बाद में 9 अप्रेल को दिव्या ने भी दम तोड़ दिया.

वरुण अरोड़ा ने थैलियम देने से पहले ससुराल वालों को लेड और मर्करी देकर मारने की योजना भी बनाई थी, लेकिन उसे डर था कि ऐसा करने से उन लोगों की तुरंत मौत हो जाएगी और वो पकड़ा जायेगा. इसलिए बाद में उसने थैलियम जैसा धीमा जहर देकर सबको मारने का प्लान बनाया.

वरुण ने इंटरनेट पर सर्च करके 22000 रूपए देकर थैलियम का जुगाड़ किया और तीन लोगों की जान ले ली. पुलिस ने वरुण के घर की तलाशी भी ली जहां से थैलियम की एक शीशी बरामद हुई.

ये भी पढ़ें : Mumbai के ‘मटका किंग’ सुरेश भगत की कहानी | Crime Patrol Inside Story | Ep 391 | 13th April

अब सवाल ये उठता है कि आखिर उसने ऐसा किया क्यों ?

जो कहानी वरुण ने पुलिस को बताई वो ये है, कि इस हत्याकांड से 12 साल पहले वरुण और दिव्या की शादी हुई थी. दोनों ही परिवार आर्थिक रूप से संपन्न थे, घर में किसी तरह की परेशानी नहीं थी बस एक कमी थी कि शादी के 7 साल बीत जाने के बाद भी उन्हें कोई बच्चा नहीं हुआ था. जिसके बाद उन्होंने IVF की मदद ली और दिव्या ने जुड़वा बच्चों को जन्म दिया. बच्चे चार साल के हो गए उस वक्त तक सब कुछ ठीक चल रहा था. 

फिर हुआ ये कि वरुण के पिता की मौत हो गई और संयोग से उसके कुछ समय बाद ही दिव्या फिर से प्रेग्नेंट हो गई. वरुण का ये मानना था कि बच्चे के रूप में उसके पिता का पुनर्जन्म होने वाला है, लेकिन डॉक्टर ने कहा कि अगर दिव्या ने इस बच्चे को जन्म दिया, तो उसकी जान को खतरा हो सकता है. जिसके बाद दिव्या और उसके मायके वालों ने वरुण की इच्छा के खिलाफ गर्भपात करा दिया. इस बात से वरुण गुस्से में था और बदला लेना चाहता था.आखिर में 31 जनवरी 2021 को वो अपनी इस साज़िश में कामयाब भी हो गया.

वरुण ने अपने बच्चों से उनकी माँ और देवेन्द्र मोहन शर्मा से उनका पूरा परिवार छीन लिया, ये उसका अंधविशवास था या पुनर्जन्म सच में संभव है ? आप क्या राय रखते हैं कमेंट करके जरूर बताइयेगा.