“प्रेम, विष और जलता जंगल” — यवतमाल की क्राइम स्टोरी

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“प्रेम, विष और जलता जंगल” — यवतमाल की क्राइम स्टोरी

शुरुआत एक प्रेम कहानी की…

सनराइज इंग्लिश मीडियम स्कूल में पढ़ाते-पढ़ाते, दो शिक्षकों के बीच प्यार पनपा। हेडमास्टर निधि और शिक्षक शांतनु देशमुख ने समाज की परवाह किए बिना प्रेम विवाह कर लिया। शादी के बाद दोनों माता-पिता से अलग रहने लगे, लेकिन जल्द ही रिश्ते में खटास आने लगी। आए दिन झगड़े और घरेलू विवाद बढ़ते गए।

13 मई की वो रात…

घटनाक्रम ने भयानक मोड़ लिया। निधि ने ठान लिया कि अब और नहीं। उसने योजना बनाई और उसी स्कूल के तीन छात्रों को अपनी योजना में शामिल कर लिया। 13 मई को निधि ने शांतनु को विष दे दिया—धीमा, मगर जानलेवा जहर। मौत घर के भीतर आई, चुपचाप।

मासूम हाथों से उठाया गया शव

शव को छुपाना आसान नहीं था। निधि ने अपने ट्यूशन के तीन छात्रों को बुलाया और रात के अंधेरे में चौसाला के घने जंगल में शव को ले जाकर फेंक दिया। लेकिन ये अंत नहीं था।

15 मई – जलता हुआ सबूत

शायद निधि को डर था कि कहीं पहचान ना हो जाए, इसलिए अगली रात वह वापस जंगल गई और शव पर पेट्रोल डालकर उसे जला दिया। उसे लगा अब कोई सुराग नहीं बचेगा।

अंडरवियर से खुला राज

लेकिन पुलिस की निगाहें तेज थीं। जले हुए शव के पास मिली शर्ट और अंडरवियर का मिलान जब घर में मिले कपड़ों से किया गया, तब एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ। अंडरवियर की कंपनी, साइज और डिज़ाइन वही था जो घर में मिला था।

पुलिस का मनोवैज्ञानिक दबाव

शुरुआत में निधि पुलिस को गुमराह करती रही, मगर जब दबाव बढ़ा और सबूत सामने आए, तो वह टूट गई। उसने जुर्म कबूल कर लिया। उसी के बयान के आधार पर तीनों नाबालिग छात्रों को भी हिरासत में ले लिया गया।

कानूनी कार्रवाई

चारों आरोपियों के खिलाफ IPC की धारा 109 (साजिश) और 238 (सबूत मिटाना) के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस अभी इस केस से जुड़े और भी पहलुओं की जांच कर रही है।