पूरी दुनिया में डोसा किंग के नाम से मशहूर हुआ ! फिर क्यों हुई उम्र क़ैद ?

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इस कहानी की शुरुआत होती है साल 1973 से ! तमिलनाडु में तूतीकोरिन के एक गांव पुन्नाइयादी में प्याज की खेती करने वाला एक किसान था ! उसके बेटे का नाम था पी राजगोपाल ! यही वो पी राजगोपाल है जो बाद में पूरी दुनिया में डोसा किंग के नाम से मशहूर हुआ ! पी राजगोपाल को पिता के साथ खेती करना रास नहीं आया तो वो साल 1981 में चेन्नई चला आया.

यहाँ पी. राजगोपाल ने अपना सफर चेन्नई में एक जनरल स्टोर के साथ शुरू किया था। लेकिन इस काम में उसको ज्यादा कामयाबी नहीं मिली।

इसी दौरान उसकी दुकान पर एक ज्योतिषी आया ! ज्योतिषी ने बताया कि अगर राजगोपाल किराने की दुकान की बजाय रेस्टोरेंट खोले तो उसे ज्यादा फायदा होगा ! राजगोपाल ने ज्योतिषी की बात मान ली. उसने जनरल स्टोर बंद कर दिया और उसी की जगह पर एक छोटा सा रेस्टोरेंट खोला ! नाम दिया सरवना भवन !

इस रेस्टोरेंट के मेनू में सांभर, वडा, इडली, डोसा जैसी चीजें शामिल की गईं। खाना बनाने के लिए उसने नारियल तेल का इस्तेमाल करना शुरू किया, अच्छे मसालों का इस्तेमाल किया और कीमत रखी सिर्फ एक रुपये. नतीजा हुआ कि उसे एक महीने में ही 10,000 रुपये का घाटा हो गया. लेकिन वो पीछे नहीं हटा ! शुद्ध तेल-मसालों का इस्तेमाल करके उसने खाना बनाना जारी रखा.वक्त बीता और फिर ऐसा हुआ कि अगर चेन्नई में किसी को भी बाहर खाने का मन हुआ तो उसकी फर्स्ट चॉइस होती थी सरवना भवन !

सर्वना भवन अच्छा—खासा चल पड़ा । सर्वना भवन का डोसा पूरेचेन्नई में फेमस हो गया और राजगोपाल डोसा किंग के नाम से प्रसिद्ध हो गया।

इसका नतीजा ये हुआ कि राजगोपाल का ज्योतिषी पर भरोसा बढ़ गया ! राजगोपाल ने रेस्टोरेंट की चेन शुरू कर दी ! ज्योतिषी की सलाह पर ही राजगोपाल ने रंगीन कपड़े पहनने छोड़ दिए. सफेद पैंटशर्ट पहनने लगा और माथे पर चंदन का टीका लगाने लगा. इतना ही नहीं, उसने अपने रेस्टोरेंट में अपने साथ ज्योतिषी की तस्वीर भी लगा ली !

रेस्टोरेंट चल निकला तो राजगोपाल ने पहले साउथ के शहरों में, फिर देश के बड़े शहरों में कई शाखाएं खोल दीं.  राजगोपाल ने विदेशों तक साउथ इंडियन खाने का टेस्ट पहुंचाया.

20 साल के अंदर ही राजगोपाल के विदेशों में भी आउटलेट्स खुल गए !

वर्तमान में अमेरिका, खाड़ी देशों, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया के देशों में लगभग 80 शाखाएंखुली हुई हैं.

इस दौरान पी राजगोपाल ने दो शादियां कीं ! लेकिन दोनों ही शादियां नहीं चल पाई तो उसने फिर ज्योतिषी से सलाह ली ! ज्योतिषी ने उसे तीसरी शादी का सुझाव दिया.

सर्वणा भवन की चेन्नई ब्रांच में एक असिस्टेंट मैनेजर हुआ करता था.उसकी 20 साल की बेटी का नाम जीवनजोति था ! ज्योतिषीने राजगोपाल से कहा कि अगर वो जीवनजोति से शादी कर ले तो देश के सबसे अमीर लोगों में उसका नाम शुमार हो जाएगा. इसी वजह से राजगोपाल जीवनजोति से शादी करना चाहता था !

साल 2000 की शुरुआत में जीवन जोती पी राजगोपाल से कुछ पैसे उधार मांगने के लिए उसके पास  पहुंची ! उसने मैथ्स के एक प्रोफेसर संतकुमार से शादी की थी, दोनों को अब ट्रैवल एजेंसी शुरू करनी थी ! पीराजगोपाल से उसने पैसे की बात की ! उसने जीवानजोती और संतकुमारको ट्रैवल एजेंसी खोलने के लिए तो पैसे तो दे दिए लेकिन वो लड़की को हर रोज फोन करने लगा, उसे तोहफे में महंगे गहने भेजने लगा, उसने लड़की और उसके पति के बीच दूरी पैदा करने की कोशिशें शुरू कर दीं !

इसमे वो कामयाब नहीं हो पाया ! लड़की ने संत कुमार से लव मैरिज की थी ! दोनों ने घरवालों की मर्जी के खिलाफ शादी की थी ! पी राजगोपाल के फोन कॉल और महंगे तोहफे से परेशान होकर लड़की ने पी राजगोपाल को पुलिस में शिकायत करने की धमकी दी ! लेकिन पी राजगोपाल नहीं माना, इससे परेशान होकर संत कुमार और उसकी पत्नी ने चेन्नई छोड़ने का फैसला किया ! अभी वो लोग चेन्नई छोड़ पाते, उससे पहले ही 28 सितंबर, 2001 को पी राजगोपाल दोनों के घर आए और कहा कि दो दिन के अंदर लड़की पति से रिश्ता तोड़ दे ! लड़की ने मना कर दिया, जिसके बाद पांच लोगों ने संत कुमार को जबरन एक कार में बिठाया और केके नगर के एक गोदाम में लेकर चले गए ! लड़की ने इस अपहरण के लिए राजगोपाल को जिम्मेदार बताया, लेकिन पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया. इस बीच संत कुमार 12 अक्टूबर, 2001 को अपहरणकर्ताओं के चंगुल से बच निकला और सीधे पुलिस कमिश्नर के दफ्तर में चला गया !

इसके बाद तो पुलिस को मुकदमा लिखना ही पड़ा ! इसके बाद संतकुमार और उनकी पत्नी को लगा कि अब मामला सुलझ जाएगा, लेकिन 18 अक्टूबर को एक बार फिर से संत कुमार का अपहरण हो गया, वहीं पी राजगोपाल ने फिर से लड़की को शादी के लिए फोन करना शुरू कर दिया ! लड़की नहीं मानी और फिर एक दिन काडाइ कोनाल के टाइगर चोला के जंगलों में संत कुमार की डेड बॉडी मिली !

लड़की ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, कोर्ट का फैसला लड़की के पक्ष में आया और केस दर्ज करने का आदेश दिया गया ! पुलिस ने राजगोपाल के खिलाफ अपहरण, हत्या की साजिश और हत्या का केस दर्ज कर लिया ! पुलिस अब राजगोपाल को तलाश रही थी, जिसके बाद 23 नवंबर, 2001 को राजगोपाल ने चेन्नई पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया ! करीब डेढ़ साल तक जेल में रहने के बाद 15 जुलाई, 2003 को पी राजगोपाल को जमानत मिल गई !

जब पी राजगोपाल जमानत पर बाहर आ गया, तो लड़की फिर से कोर्ट पहुंची ! मामला स्पेशल कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया गया, साल 2004 में कोर्ट का फैसला आया ! कोर्ट ने अपहरण, हत्या की कोशिश और हत्या के मामले में पी राजगोपाल और पांच दूसरे लोगों डैनियल, कार्मेगन, हुसैन, कासीविश्वनाथन और पट्टूरंगन को 10-10 साल कैद की सजा सुनाई ! लेकिन लड़की इस सजा से खुश नहीं थी. उसने हाई कोर्ट में अपील की, हाई कोर्ट में मामले की सुनवाई हुई !

करीब पांच साल तक मामला हाई कोर्ट में चलता रहा और फिर मार्च, 2009 में हाई कोर्ट का भी फैसला आ गया. 19 मार्च, 2009 को हाई कोर्ट में जस्टिस बानुमति और जस्टिस पी के मिश्रा की बेंच ने इसे हत्या और हत्या की साजिश का मामला करार देते हुए सभी दोषियों की 10-10 साल की सजा को उम्रकैद में तब्दील कर दिया. साथ ही पी राजगोपाल पर 55 लाख रुपये का जुर्माना लगाया, जिसमें से 50 लाख रुपये लड़की को दिए जाने थे !

जब पी राजगोपाल और उसके साथियों को हाई कोर्ट ने उम्रकैद की सजा दी तो राजगोपाल ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की. 29 मार्च, 2019 को सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया !

सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट का फैसला बरकरार रखा ! आदेश दिया कि 7 जुलाई, 2019 तक पी राजगोपाल को सरेंडर करना होगा ! लेकिन पी राजगोपाल 4 जुलाई को अस्तपताल में दाखिल हो गया ! 7 जुलाई को सरेंडर करने की तारीख बीत गई, तो 8 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में उन्होंने अपील की ! कहा कि वो गंभीररूप से बीमार है. लेकिन सुप्रीम कोर्ट पर पी राजगोपाल की दलीलों का असर नहीं हुआ ! जस्टिस एन वी रमन्ना की खंडपीठ ने कहा कि हर हाल में सरेंडर करना ही होगा, क्योंकि उसने केस की सुनवाई के दौरान अपनी बीमारी का जिक्र नहीं किया था. इसके बाद 9 जुलाई, 2019 को पी राजगोपाल मद्रास हाई कोर्ट पहुंचा. कोर्ट में उसे एक एंबुलेंस लेकर गई थी. नाक में ऑक्सीजन मास्क लगा हुआ था.

कोर्ट ने उसे 15 साल की सजा काटने के लिए पुज़हाल जेल भेज दिया जहाँ पर उसे दिल का दौरा पड़ा  डॉक्टर्स के चेकअप करने  के बाद उसे स्टेनली अस्पताल में भर्ती कराया गया !

लेकिन बाद में उसके बेटे सर्वनन ने कोर्ट से गुजारिश की थी कि राजगोपाल को प्राइवेट अस्पताल में भर्ती करने की इजाज़त दी जाए. कोर्ट ने गुजारिश मानी और फिर राजगोपाल को प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया ! अस्पताल में पी राजगोपाल को वेंटिलेटर पर रखा गया था. लेकिन १८ जुलाई २०१९ गुरुवार सुबह करीबन 10 बजे डोसा किंग ने दम तोड़ दिया !

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