Palam New Delhi
55 साल के कृष्ण स्वरुप सुधीर दिल्ली के पालम गाँव में अपनी पत्नी बबीता और 27 साल के बेटे गौरव के साथ रह रहे थे. बेटी की शादी हो चुकी है वो यूएसए में रहती है. गौरव हैदराबाद स्थित डेल कम्प्यूटर में काम करता था, लेकिन पिछले एक साल से अपने माता-पिता के पास ही रह रहा था.
वायुसेना के शिक्षण संस्थान में अकाउंटेंट कृष्ण स्वरुप का राजनगर पार्ट 1 में तीन मंजिला मकान है, जिसके ग्राउंड फ्लोर को इन्होने किराए पर दे रखा था और दो फ्लोर पर ये अपने परिवार के साथ रहते थे.
6 जुलाई मंगलवार की शाम जब कृष्णा स्वरुप ड्यूटी से बापस लौटे तो घर का दरवाजा खुला हुआ था. वे अन्दर पहुंचे तो उन्होंने देखा कि उनकी पत्नी की खून से लथपथ लाश फर्श पर पडी हुई है, घर में हर जगह खून ही खून फैला हुआ था. उन्होंने तुरंत अपने बेटे गौरव को आवाज लगाई, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला उन्होंने दुसरे कमरे मे जाकर देखा तो उनके पैरो तले से जमीन खिसक गयी. सामने उनके बेटे गौरव की लाश पडी हुई थी, उसका हाल भी बबीता के जैसा ही था.
बदहवास कृष्ण स्वरुप ने पुलिस को खबर दी. इस डबल मर्डर के बारे में जैसे ही आसपास के लोगों को पता लगा तो वहां भीड़ इकठ्ठा होने लगी.
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पुलिस वहां पहुँची तो देखा कि दोनों पर डंबल से हमला करके उनकी जान ली गयी थी, बाद में पानी की बाल्टी के अन्दर से डम्बल मिला. घर की अलमारियां खुली हुई थी सामान बिखरा पडा था, जिससे लग रहा था कि हत्या का मकसद लूटपाट रहा होगा. लेकिन जांच में कोई कीमती सामान के गायब होने की जानकारी नहीं मिली थी. कुछ सिक्के गायब हुए थे लेकिन अलमारी में रखे गहने और 15000 रूपए वहीँ रखे थे.
हालात देखकर लग रहा था कि गौरव लेपटोप पर काम कर रहा था, तभी उसके सिर पर हमला किया गया होगा.
घर में सीसीटीवी कैमरा लगा हुआ था लेकिन पता चला कि उसका डीव्हीआर गायब है.
ऐसे में पुलिस को शक था कि हत्यारा कोई अन्दर का भी हो सकता है, इसके अलावा जबरदस्ती घर में घुसने के भी कोई सबूत नहीं मिले थे जिससे ये थियोरी और पक्की हो रही थी कि कोई पहचान वाला ही है, जिसने इस वारदात को अंजाम दिया है लेकिन वो कितने लोग थे ये अभी नहीं कहा जा सकता था.
जांच आगे बढ़ रही थी पुलिस ने देखा कि मुकदमा लिखे जाने के बाद से कृष्ण स्वरुप के साथ एक युवक लगातार नज़र आ रहा था जिसका नाम अभिषेक है. एक अभिषेक ही था जो घटना का पता लगने के बाद से लगातार कृष्ण स्वरुप के साथ बना हुआ था और इसी वजह से वो पुलिस की नज़र में आ गया था. पुलिस अब उसकी हर हरकत पर नज़र रख रही थी.
डम्बल और अलमारियों से कुछ फिंगर प्रिंट भी मिले थे और पुलिस आसपास के सीसीटीवी कैमरों से भी हत्यारों तक पहुँचने की कोशिश कर रही थी और एक सीसीटीवी कैमरे की फूटेज में हत्यारा नज़र भी आ गया. उसमे साफ़ दिखाई दे रहा था कि एक व्यक्ती घर में लगे सीसीटीवी का डीव्हीआर उठाकर अपने साथ ले जा रहा है और इस व्यक्ती की पहचान अभिषेक वर्मा के रूप में हुई.वही अभिषेक वर्मा जो ह्त्या के बाद से लगातार कृष्ण स्वरूप के साथ था और जिस पर पुलिस को पहले से ही शक था. अभिषेक बबीता के भाई का बेटा यानि गौरव का ममेरा भाई है.
क्यों कोई अपना बन गया इतना बेरहम कि उसने ले ली माँ बेटे की जान ?
पुलिस ने उसे बबीता और गौरव की हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया. अभिषेक ने पूछताछ में बताया कि उसने अपनी बहन की शादी में बबीता से कुछ पैसे उधार लिए थे, जिन्हें वो लौटा पा नहीं रहा था. जिस वजह से बुआ उसे ताना देती थी. 6 जून को भी अभिषेक जब अपनी बुआ बबीता के घर गया तो एक बार फिर बुआ ने उसे भला बुरा कहना शुरू कर दिया.
इस दौरान उसे बहुत गुस्सा आ गया और उसने डम्बल उठाकर बबीता के सिर पर दे मारा जिससे उसकी मौत हो गयी बाद में उसने गौरव की भी जान ले ली.
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