“मुफ्ती अनवर का इश्क… और एक बाप की हत्या की सुपारी”दरभंगा शिक्षक मंसूर आलम हत्याकांड: बेटी के प्रेमी ने दी थी दो लाख की सुपारी”मुफ्ती अनवर का इश्क… और एक बाप की हत्या की सुपारी”

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28 मई 2025 को दरभंगा के शिक्षक मंसूर आलम की गोली मारकर हत्या कर दी गई। जांच में सामने आया कि उनकी बेटी के प्रेमी ने दो लाख रुपये की सुपारी देकर यह हत्या करवाई थी। पढ़ें पूरी घटना।


घटना की शुरुआत: शिक्षक की सरेआम हत्या

28 मई 2025 को बिहार के दरभंगा जिले के जाले थाना क्षेत्र में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई।
निस्ता प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक मंसूर आलम की लाश सड़क किनारे खून से लथपथ पाई गई। सिर पर गोली का घाव था, और आंखें जैसे किसी अनकहे दर्द को बयान कर रही थीं।

जांच में सामने आया चौंकाने वाला सच

हत्या की खबर फैलते ही इलाके में सनसनी फैल गई। दरभंगा पुलिस ने जब जांच शुरू की, तो मंसूर आलम की बेटी की ज़िंदगी से जुड़ा एक प्रेम प्रसंग सामने आया, जो इस हत्याकांड की जड़ बन गया।


बेटी और मुफ्ती साहब का रिश्ता

  • मंसूर आलम की बेटी मुजफ्फरपुर जिले के एक मदरसे में शिक्षक थी।
  • वहीं उसकी मुलाकात मुफ्ती अनवर नाम के व्यक्ति से हुई।
  • मुफ़्ती अनवर बेटी से शादी करना चाहता था, लेकिन मंसूर ने यह रिश्ता स्वीकार नहीं किया।
  • मंसूर ने अपनी बेटी की शादी कहीं और तय कर दी।

प्रेमी ने रची हत्या की साजिश: सुपारी के लिए दिए 2 लाख रुपये

इनकार का बदला लेने के लिए, मुफ़्ती अनवर ने सीतामढ़ी जिले के दो अपराधियों को 2 लाख रुपये में हत्या की सुपारी दी।

  • एक लाख रुपये एडवांस में दिए गए
  • शेष रकम “काम पूरा होने” के बाद देने की बात हुई

मंसूर की हत्या: 28 मई को गोलियों से भून दिया गया

ठीक योजना के मुताबिक, 28 मई को मंसूर आलम की गोली मारकर हत्या कर दी गई।
पुलिस ने छोटू उर्फ दिवेश कुमार और साधु राय उर्फ अंकित कुमार को गिरफ्तार कर लिया।
दोनों ने पुलिस को बताया कि यह हत्या मुफ्ती साहब के कहने पर की गई थी।


मास्टरमाइंड हिरासत में, अस्पताल में भर्ती

जांच के दौरान, मुफ़्ती अनवर को भी पुलिस ने हिरासत में लिया।
चूंकि वह दिल के मरीज हैं, उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती किया गया है।
जैसे ही उनकी हालत सुधरेगी, पुलिस की पूछताछ आगे बढ़ेगी।


पुलिस कार्रवाई और जांच अपडेट

  • दरभंगा SSP जगुनाथ रेड्डी ने मामले में SIT (विशेष जांच टीम) का गठन किया है।
  • टीम का नेतृत्व एसडीपीओ ज्योति कुमारी कर रही हैं।
  • आरोपियों के पुराने आपराधिक रिकॉर्ड की भी जांच की जा रही है।

निष्कर्ष: क्या प्यार में इनकार, हत्या का कारण बन सकता है?

इस हत्याकांड ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है:
क्या प्यार में पागलपन इतना घातक हो सकता है कि एक बेकसूर शिक्षक को जान से मार दिया जाए?
यह घटना समाज के लिए एक चेतावनी है — कि कैसे व्यक्तिगत रिश्ते, अपराध की भयावह साजिशों में बदल सकते हैं।