Site icon The Chanakya

मेरठ में मिला अलादीन का चिराग़ ! Docror found Aladdin’s Lamp

aladdin-ka-chirag

आपने अलादीन के जादुई चिराग़ (Aladdin’s Lamp) की कहानी तो सूनी ही होगी जिसको रगड़ने पर उसमे से एक जिन्न निकलता है और कहता है क्या हुक्म है मेरे आका !

लेकिन क्या हो अगर आपको अलादीन का वो चिराग़ (Aladdin’s Lamp) सच में मिल जाए, क्या करेंगे आप ? कुछ न कुछ तो आप उस जिन्न से मांगेंगे जरूर !

लेकिन उत्तर प्रदेश के मेरठ में एक बड़ा ही अजीब ओ गरीब मामला सामने आया ! यहाँ लन्दन की रोयाल सोसाइटी ऑफ़ हेल्थ से फेलोशिप यानी FRSH डॉक्टर को अलादीन का वो जादुई चिराग़ (Aladdin’s Lamp) मिला, चिराग में से जिन्न भी निकला, लेकिन इससे पहले कि डॉक्टर साहब उस जिन्न से कुछ मांग पाते उल्टा जिन्न ने ही उनसे 1.5 करोड़ रूपए मांग लिए !

अलादीन का ये जादुई चिराग़ (Aladdin’s Lamp) अभी मेरठ में है और यहीं पर एक डॉक्टर हैं जिनका नाम है लईक अहमद खान, इस जादुई चिराग़ से निकले जिन्न ने इन डॉक्टर साहब  के 1.5 करोड़ रूपए गायब कर दिए !  

दरअसल हुआ ये था कि एक बुजुर्ग महिला अकबरी बेगम खान के पेट का ऑपरेशन हुआ था, ऑपरेशन के बाद जब केस बिगड़ा तो उसके परिजन दुसरे किसी अच्छे डॉक्टर को तलाशते हुए डॉक्टर लईक अहमद के पास पहुंचे ! अकबरी बेगम की हालत ऐसी नहीं थी कि वो इलाज के लिए क्लिनिक आ सके, लिहाजा डॉक्टर साहब उसके घर जाकर इलाज करने लगे ! ये इलाज लम्बा चलने वाला था, डॉक्टर साहब इलाज कर रहे थे, अकबरी बेगम धीरे धीरे ठीक हो रही थी ! तीन महीने के इलाज के बाद अकबरी बेगम तो ठीक हो गयी लेकिन उसके बेटे इकरामुद्दीन बहु समीना खान और दामाद अनीस ने  डॉक्टर साहब को लपेटे में ले लिया ! 

बातों बातों में इकरामुद्दीन ने डॉक्टर साहब को ये यकीन दिला दिया कि उसके पास कुछ रूहानी ताकतें हैं और अलादीन का चिराग़ (Aladdin’s Lamp) भी ! इस जादुई चिराग़ मे से जिन्न निकलता है जो दुनिया की कोई भी चीज पल भर में उन्हें दे सकता है ये जिन्न वही करेगा जो उसे करने के लिए कहा जाएगा !

जिन्न का तो पता नहीं लेकिन इसके बाद डॉक्टर साहब वही कर रहे थे जो इकरामुद्दीन उन्हें करने के लिए कह रहा था ! चिराग के बदले उन्होंने तीन किश्तों में इकरामुद्दीन को 71 लाख रुपये दे दिए  लेकिन अभी तक चिराग़ उनके हाथ नहीं आया था दरअसल ये सब जो चल रहा था उसकी बाकायदा स्क्रिप्ट लिखी गयी थी !

कहानी को धीरे धीरे आगे बढ़ाया जा रहा था, डॉक्टर साहब 71 लाख रूपए दे चुके थे लेकिन अभी भी चिराग़ हासिल  करना बाकी था और ये काम इतना भी आसानी से नहीं होने वाला था ! इसके लिए रूहानी ताकतों को खुश करना था, उन्हें खुश करने के लिए चाहिए था एक ख़ास तरह का इत्र जिसकी कीमत डॉक्टर साहब को लाखों में बताई गयी !

उनके दिमाग ने सोचना समझना बंद कर दिया था डॉक्टर लईक वही कर रहे थे जो इकरामुदीन कह रहा था उसके घर पर हर १५ दिनों में दरवार लग रहा था, डॉक्टर साहब की पेशी हो रही थी और इत्र के नाम पर उनसे लाखों रूपए ऐंठे जा रहे थे !

आखिरकार साल भर बीता, कहानी आगे बड़ी और अलादीन का वो जादुई चिराग़ (Aladdin’s Lamp) डॉक्टर साहब को सौंप दिया गया ! एक काले कपडे में सलीके से बंधा हुआ चिराग़ डॉक्टर साहब के हाथ में था लेकिन उसे रगढ़ कर जिन्न को बुलाने की सख्त मनाही थी ! डॉक्टर साहब को चेतावनी दी गयी थी कि अगर तय समय से पहले इसे खोला तो उनके परिवार में कुछ बहुत बुरा होगा !

समय बीतता रहा, दरवार सजता रहा और इत्र महकता रहा ! डॉक्टर साहब के बैंक अकाउंट खाली हो गए, चार प्लाट बिक गए और पैसे रजिस्ट्रार ऑफिस से ही सीधे इकरामुद्दीन का बहनोई अनीस ले गया !

इकरामुद्दीन रोज डॉक्टर लईक अहमद से मिलता था, लेकिन जब वो कई दिन तक उनसे मिलने नहीं आया तब जाकर डॉक्टर साहब का सम्मोहन टूटा ! डॉक्टर साहब चिराग को रगड़ते रहे लेकिन कोई जिन्न प्रकट नहीं हुआ ! जब तक उनको सारा खेल समझ में आया उनकी जीवन भर की कमाई लुट चुकी थी !

अपने को ठगा महसूस करने के बाद सितम्बर 2020 में उन्होंने सारी कहानी पुलिस को बताकर मेरठ के ब्रह्मपुरी थाना में शिकायत दर्ज करवाई ! पुलिस ने डॉक्टर से रुपये ऐंठने वाले इकरामुद्दीन और अनीस को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया !

इन लोगों ने डॉक्टर लईक खान की तरह ही कुछ और लोगों से भी फर्जी जादुई चिराग़ दिखाकर पैसे ठगे हैं ! पुलिस ने इनके पास से नकली चिराग, लकड़ी की चप्पल, चिराग़ घिसने का पत्थर और 20 हजार रुपये बरामद किए हैं ।

लेकिन गैंग की महिला सदस्य इकरामुद्दीन की बीबी समीना अभी भी फरार है, पुलिस उसे भी पकड़ने की कोशिश में लगी हुई है।

तो देखा आपने किस तरह से जादुई चिराग़ के नाम पर एक पढ़े लिखे इंसान को करोड़ों का चूना लगा दिया गया ऐसे जालसाजों से बच कर रहिये !

ऐसी ही और जानकारी वाली पोस्ट के लिए हमारे YouTube चैनल The Chanakya को सब्सक्राइब कर लें, और हमारे फेसबुक पेज को like करें  !

Exit mobile version