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आस्था सिर्फ 17 साल की थी, “सिर गायब, मां चुप, मोबाइल नंबर गवाही बना, कागज़ के एक टुकड़े ने खोला कत्ल का रहस्य

स्थान: मेरठ, उत्तर प्रदेश

पीड़िता: आस्था उर्फ तनिष्का, उम्र 17 वर्ष, कक्षा 12वीं की छात्रा

एक मासूम लड़की… जिसका भविष्य उज्जवल था। लेकिन एक दिन वो घर से ग़ायब हो गई…

6 जून की सुबह… मेरठ के परतापुर थाना क्षेत्र के बहादरपुर गांव में एक रजबहे के पास ग्रामीणों की नजर एक लाश पर पड़ी। लाश की सबसे डरावनी बात ये थी… कि उसका सिर नहीं था। और सबसे चौंकाने वाला सुराग मिला लड़की की सलवार की जेब से — एक कागज़ पर लिखा एक मोबाइल नंबर।”

“पुलिस ने मोबाइल नंबर मिलते ही कॉल किया — जवाब मिला कि वो नंबर एक किशोर का है। किशोर ने शव की पहचान की — ये थी ‘आस्था उर्फ तनिष्का’, दादरी गांव की निवासी, जो बुधवार से लापता थी। लेकिन हैरानी की बात ये थी कि… उसके परिवार वालों ने उसकी गुमशुदगी की कोई रिपोर्ट तक नहीं दर्ज कराई थी। क्यों?”

“पुलिस जब आस्था के घर पहुंची, तो मां, दो छोटे भाई, दो मामा और ममेरे भाई से पूछताछ शुरू हुई। किसी के पास कोई साफ जवाब नहीं था। मां का व्यवहार बेहद विचित्र था। और फिर पुलिस को मिला… एक चौंकाने वाला कबूलनामा।”

“पुलिस जांच में सामने आया — आस्था का एक युवक से प्रेम-प्रसंग था। मां राकेश देवी को ये रिश्ता मंज़ूर नहीं था। एक दिन जब आस्था अपने प्रेमी से फोन पर बात कर रही थी, मां ने फोन छीन लिया, और दोनों में झगड़ा हुआ। इसी झगड़े में… मां ने गला दबाकर बेटी की हत्या कर दी।”

“हत्या के बाद मां ने अपने भाइयों को फोन किया। कुछ ही देर में मामा और ममेरा भाई महरौली से कार में आए। प्लान बना — आस्था का सिर काटा गया… और धड़ को रजबहे में फेंका गया। सिर अब तक गायब है… और यही सिर पुलिस के लिए अगला बड़ा सुराग हो सकता है।”

“पुलिस अब आस्था के मौसेरे भाई गौरव की तलाश कर रही है। CDR — यानी कॉल डिटेल रिकॉर्ड्स — से जुड़े हैं कई रहस्य। क्योंकि गौरव ही हो सकता है वो कड़ी… जो इस हत्याकांड की सभी परतें खोल दे।”

“एक मां… जिसने खुद अपने हाथों से बेटी का अंत कर दिया। एक परिवार… जो गुनाह छुपाने के लिए बना पूरा गिरोह। और एक पुलिस… जो अब भी ढूंढ रही है वो सिर… जो इस केस की सबसे अहम गवाही है। ये कहानी है एक बेटी की… जिसके प्यार को इज्ज़त के नाम पर कुचल दिया गया…

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