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चोरी और लूट की कई वारदातों में जयपुर पुलिस जांच कर रही है. सांकेतिक फोटो.
छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में ईओडब्ल्यू (राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो) ने पाठ्य पुस्तक निगम के तत्कालीन महाप्रबंधक अशोक चतुर्वेदी के खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज किया है.
ईओडब्ल्यू में दर्ज एफआईआर के अनुसार पाठ्य पुस्तक निगम के तत्कालीन महाप्रबंधक अशोक चतुर्वेदी और निविदा समिति के सदस्यों ने आपराधिक षड्यंत्र करते हुए जानबूझकर फर्जी तरीके से होप इंटरप्राइजेज रायपुर के संचालक हितेश चौबे को कागज की आपूर्ति और प्रिंटिंग संबंधी काम दिए. यह काम फर्जी दस्तावेजों के आधार पर दिए गए थे. बताया गया है कि होप इंटरप्राइजेज ने फर्जी दस्तावेज जमा कर टेंडर लिया था. ये टेंडर 2 नवंबर 2017 को भरे गए थे.
जरूरी प्रक्रिया का पालन नहीं
दर्ज प्रकरण के मुताबिक टेंडर की प्रक्रिया में प्रतिस्पर्धा होना जरूरी होता है, जिसके लिए अधिकारियों ने फर्जी तरीके से तीन अन्य फर्मों मेसर्स न्यू क्रिएटिव फाइबर ग्लास रायपुर, मेसर्स एस आर इंटरप्राइजेज जगदलपुर और मेसर्स मिनी सिग्नासेज के नाम से भी टेंडर डाले गए. इस मामले की जांच के दौरान ये पता चला कि वास्तविकता में इन कंपनियों ने टेंडर प्रक्रिया में किसी भी तरीके से भाग ही नहीं लिया था. होप इंटरप्राइजेज को लगभग साढ़े 6 करोड़ रुपए का काम दे दिया था. चूंकि अधिकारियों की जिम्मेदारी थी कि वह टेंडर प्रक्रिया की पारदर्शिता पालन करते लेकिन पाठ्य पुस्तक निगम के तत्कालीन महाप्रबंधक अशोक चतुर्वेदी और निविदा समिति में शामिल अधिकारियों ने हितेश चौबे के साथ मिलकर अपराधिक षड्यंत्र किया है. जिसके कारण ई ओ डब्लयू ने धारा 120 बी, 420, 467, 468, 471 एवं भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है.ये भी पढ़ें:
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